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झारखंडः स्टिंग जारी कर मरांडी ने कहा- राज्य सभा चुनाव के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग में शामिल थे सीएम

मरांडी ने रघुबर दास की बड़कागांव से कांग्रेस के पूर्व विधायक योगेंद्र साव से बातचीत का कथित वीडियो और मुख्यमंत्री के एक सहयोगी और एक आईपीएस अधिकारी की योगेंद्र साव से लगातार हुई बातचीत का ऑडियो टेप जारी किया.

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी
धरमबीर सिन्हा
  • रांची,
  • 16 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को कुछ वीडियो और ऑडियो टेप जारी करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रघुबर दास खुद 11 जून को राज्य की दो राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में विधायकों की खरीदफरोख्त में शामिल थे. मरांडी ने दास पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अपने पद से तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.

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बीजेपी के लिए वोटिंग करवाने में लगे थे दास
मरांडी ने रघुबर दास की बड़कागांव से कांग्रेस के पूर्व विधायक योगेंद्र साव से बातचीत का कथित वीडियो और मुख्यमंत्री के एक सहयोगी और एक आईपीएस अधिकारी की योगेंद्र साव से लगातार हुई बातचीत का ऑडियो टेप जारी किया. मरांडी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री खुद योगेंद्र साव से बातचीत कर उनकी विधायक पत्नी निर्मला देवी का वोट बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में तोड़ने की कोशिश करते रहे.

ऑडियो में पैसे का जिक्र नहीं
ऑडियो में एडीजीपी अनुराग गुप्ता यह कहते सुने जा रहे हैं कि अभी सरकार तीन साल तक रहेगी. साथ ही यह कन्विंस करने का प्रयास किया जा रहा है कि वो रघुबर सरकार के साथ रहे. हालाकि इसमें पैसे का कही जिक्र नहीं है.

मामले की सीबीआई जांच की मांग
मरांडी ने मुख्यमंत्री पर खुद विधायकों की खरीदफरोख्त में शामिल होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इसके पुख्ता सबूत सामने आने के बाद अब उन्हें नैतिक आधार पर फौरन अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की.

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बीजेपी के दोनों उम्मीदवार जीते
राज्य सभा की दो सीटों के लिए राज्य में हुए मतदान में 81 सदस्यीय निवार्चित विधानसभा में कुल मतदान 79 हुआ था और इसमें बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी और महेश पोद्दार चुनाव जीत गए थे. वहीं झामुमो के वसंत सोरेन चुनाव हार गए थे.

गौरतलब है कि योगेंद्र साव के ऊपर कई अपराधिक मुकदमे हैं. दूसरी ओर एडीजीपी राजनीतिक लाभ देने का वादा कर रहे हैं.

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