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झारखंड विधानसभा आवास में विधायकों का अवैध कब्जा

रांची के धुर्वा इलाके में विधानसभा परिसर में स्थित विधायक आवास अमूमन चुनाव जीतकर आने वाले विधायकों को आवंटित किए जाते हैं, लेकिन विधानसभा सचिवालय की माने तो आधे दर्जन विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपना टर्म पूरा होने के बाद भी कमरे खाली नहीं किए हैं.

फाइल फोटो फाइल फोटो
धरमबीर सिन्हा
  • रांची,
  • 05 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

आमतौर पर नेताओं को ही दबंग माना जाता है. पर दबंगों के ऊपर दबंग हो सकता है, यह विधायक आवास के मामले में सामने आया है. झारखंड के विधानसभा आवास में वर्तमान और पूर्व विधायकों के कुछ चेले-चपाटे लंबे समय से कब्जा जमाए बैठे हैं. बताया जा रहा है कि 42 ऐसे आवास हैं, जिन पर अवैध कब्जा है. विधानसभा सचिवालय की ओर से पुलिस प्रशासन को कई बार अल्टीमेटम देने के बाबजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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रांची के धुर्वा इलाके में विधानसभा परिसर में स्थित विधायक आवास अमूमन चुनाव जीतकर आने वाले विधायकों को आवंटित किए जाते हैं, लेकिन विधानसभा सचिवालय की माने तो आधे दर्जन विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने अपना टर्म पूरा होने के बाद भी कमरे खाली नहीं किए हैं. सचिवालय द्वारा जारी लिस्ट के मुताबिक ऐसे 40 से अधिक कमरे गैरकानूनी तरीके से इन विधायकों या फिर इनके गुर्गों के कब्जे में हैं.

हैरानी की बात यह है कि इनमें से कुछ कमरे तो पहले विधानसभा में चुनकर आए विधायकों को आबंटित किए गए थे, जो अबतक उनके कब्जे में ही हैं. हालांकि विधानसभा सचिवालय से लेकर स्पीकर तक आवास खाली करने के लिए विधायकों से कह चुके हैं, लेकिन अवैध कब्जाधारियों के कान में जूं तक नहीं रेग रही है. अब सचिवालय पुलिस की मदद से इसे खाली करवाने की बात कही जा रही है. इस बाबत विधायकों को नोटिस भी जारी कर दिया गया है.

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विधायक आवास के हाउसिंग इंचार्ज धनेश्वर राणा ने बताया कि मामले में अंतिम नोटिस दिया गया है, ताकि जल्द निवास खाली करवाकर चुने हुए विधायकों को आवंटित किया जा सके. मामले में विधानसभा सचिवालय के सचिव बिनय सिंह का कहना है कि कुल 18 लोगों का नाम नोटिस में है , जिनमें 12 वर्तमान और छह पूर्व विधायक हैं.

विधानसभा स्पीकर दिनेश उरावं ने भी इस बाबत मुख्य सचिव और डीजीपी को भी अवैध कब्जा हटाने के लिए लिखा. इसके बाद बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट ने रांची के डिप्टी कमिश्नर को लिखा है कि मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में उनसे कमरों को खाली कराया जाए, जिन्हें कमरे खाली करने को कहा गया है. इसमें झामुमो विधायक कुणाल सारंगी, रविन्द्र नाथ महतो, चम्पई सोरेन, बीजेपी विधायक सत्येन्द्र नाथ तिवारी, बसपा विधायक कुशवाहा, शिवपूजन मेहता, राज्यसभा सदस्य प्रदीप कुमार बालमुचू और कुछ पूर्व विधायक समेत अन्य शामिल हैं.

 

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