
झारखंड के गिरिडीह में जहरीली शराब पीने से 4 दिनों के भीतर 13 लोगों की मौत हो गई है. शराब पीने से 5 लोगों की हालत गंभीर है, 2 को इलाज के लिए रिम्स भेजा गया है. सरिया प्रखंड के फकिराफरी गांव में 7 लोगों की मौत हुई है.
देवरी प्रखंड के गादिकला गांव में 6 लोगों की मौत हुई है. जहरीली शराब के सेवन से एक के बाद एक लोगों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. मौत की वजह से स्थानीय लोगों में खौफ का माहौल देखा जा रहा है. इस मामले में डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने जांच का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांव में पहुंचकर लोगों से बातचीत कर रही हैं. लोगों का ब्लड सैंपल भी लिया जा रहा है.
इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गयी है. झारखण्ड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने मृतक परिवार को मरहम लगाने के बजाय कह दिया कि झारखंड में शराबबंदी के लिए जनजागरण अभियान चलाना होगा.
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मौतों पर नहीं जागी सरकार
इतना ही नहीं आलमगीर आलम यह भी कह दिया कि शराब बंदी की घोषणा से कुछ भी नहीं होगा क्योंकि बिहार में शराबबंदी के बावजूद खुलेआम शराब बिक रही है, दोगुने दाम में शराब मिल रही है . मृतक के मुआवजे को लेकर कांग्रेसी कोटे से मंत्री आलमगीर आलम ने साफ कहा कि अभी तक इसको लेकर सरकार में कोई चर्चा नहीं हुई है.
इधर झारखंड विकास मोर्चा के अंतिम प्रेस वार्ता में पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर हमला करते हुए कहा कि स्पेशल ब्रांच के जानकारी देने के बावजूद सरकार ने अवैध शराब व्यापारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.
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उन्होंने इसको लेकर सवाल उठाया कि शराब के अवैध धंधे का पैसा कहीं सरकार के पास तो नहीं पहुंच रही. उन्होंने तत्काल दोषियों पर कार्यवाई करते हुए मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की भी मांग की है.
(गिरिडीह से सूरज सिन्हा के इनपुट के साथ)