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झारखंडः मिशनरीज ऑफ चैरिटी मामले में अब बीजेपी बनाम चर्च

खंड में रांची के मिशनरीज ऑफ चैरिटी से बच्चों की बिक्री के मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. शुक्रवार को केंद्रीय एसटी-एससी आयोग के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर ओरांव रांची में मदर टेरेसा की संस्था निर्मल ह्रदय में जाकर सिस्टर और नन से मुलाकात की और पूरे मामले की जानकारी ली.

मिशनरीज ऑफ चैरिटी मामले में अब बीजेपी बनाम चर्च मिशनरीज ऑफ चैरिटी मामले में अब बीजेपी बनाम चर्च
राम कृष्ण/धरमबीर सिन्हा
  • रांची,
  • 13 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 7:12 PM IST

झारखंड में रांची के मिशनरीज ऑफ चैरिटी से बच्चों की बिक्री के मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. शुक्रवार को केंद्रीय एसटी-एससी आयोग के पूर्व अध्यक्ष रामेश्वर ओरांव रांची में मदर टेरेसा की संस्था निर्मल ह्रदय में जाकर सिस्टर और नन से मुलाकात की और पूरे मामले की जानकारी ली.

रामेश्वर उरांव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की मिशनरी इस संस्था को बदनाम कर रही है. इसकी सही तरीके से जांच होनी चाहिए. खूंटी के पत्थरगढ़ी कांड में एक फादर की गिरफ्तारी और हफ्ते भर बाद मिशनरीज ऑफ चैरिटी में बच्चों के बेचे जाने के मामले के उजागर होने से झारखंड में ईसाई मिशनरीज और राज्य की बीजेपी सरकार के बीच खाई और चौड़ी हो गई है.

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मिशनरीज का आरोप है कि राज्य सरकार बेवजह परेशान कर रही है. शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय एसटी-एससी आयोग के अध्यक्ष रह चुके रामेश्वर ओरांव मदर की संस्था निर्मल हृदय जाकर पूरी जानकारी ली और कहा कि जिस तरह से जांच की जा रही है, वो गलत है और यह सिर्फ मदर टेरेसा की संस्था को बदनाम करने की कोशिश है.

वहीं, मामले में चर्च का कहना है कि अगर सरकार चाहे, तो सीबीआई जांच करा सकती है. मामले में अपना पक्ष रखते हुए देश में चर्च के सबसे बड़े निकाय कैथोलिक विशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के महासचिव विशप थियोडोर मस्क्रेहान्स ने कहा कि सिस्टर कोंसिलिया पर दबाव डालकर बयान दिलाया गया है.

उन्होंने कहा कि एक सेविका एनिमा ने गलत किया. वह सिस्टर नहीं है, बल्कि कर्मचारी है और अगर सरकार चाहे तो पूरे मामले की सीबीआई जांच भी करा सकती है.

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