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झारखंड के लातेहार में एक महिला ने खुले आसमान के नीचे बच्चे को जन्म दिया. महिला अपने तीन बच्चों के साथ थी. रात से ही वो एक पेड़ के नीचे प्रसव पीड़ा से कराहती रही. जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुछ ही दूर है. लेकिन इसके बाद भी कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं आये.
सुबह लोगों ने जिले के एसपी अनुप बिरथरे को इसकी सूचना दी. तब महिला को अस्पताल पहुंचाया जा सका. फिलहाल मां और बच्चे की स्थिति सामान्य बनी हुई है. ये सब कुछ हुआ शहर के बीचोबीच. रांची-मेदिनीनगर मुख्य पथ यानी एनएच-39 पर. ब्लॉक ऑफिस, लातेहार के पास.
आधार कार्ड बनवाने आई थी महिला
दरअसल हेसला गांव की रहने वाली गुड्डु अगेरिया की गर्भवती पत्नी सोनामणी अगेरिया अपने तीन छोटे-छोटे बच्चों का आधार कार्ड बनवाने गुरुवार को ब्लॉक ऑफिस आई थी. आधार कार्ड बनवाने के बाद उसे अपने मायके सबानो गांव जाना था, लेकिन उसे कोई वाहन नहीं मिला. इस दौरान प्रसव पीड़ा शुरू हो गई तो वह एक पेड़ के पास बैठ गई और रातभर वह प्रसव पीड़ा से तड़पती रही. शुक्रवार की सुबह उसने लड़के को जन्म दिया.
सिविल सर्जन ने एंबुलेंस भेजने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया
हालांकि बताया जता है की इससे पहले मौके पर मौजूद लोगों ने सिविल सर्जन को फोन पर सारी बात बताई थी, पर उन्होंने एंबुलेंस भेजने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया. इसके बाद इसकी जानकारी एसपी तक पहुंची और एसपी के निर्देश पर थानेदार ने जच्चा-बच्चा को अस्पताल पहुंचाया. लातेहार जिला झारखंड के सबसे पिछड़े जिलो में एक है. भले ही सरकार लोगों के बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावे कर रहे हो लेकिन पूरी व्यवस्था में ही घुन लगी हुई है और ग्रामीणों को सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है.