Advertisement

ऑटो रिक्शा में दिया बच्ची को जन्म, फिसलकर हुई मौत

सरकार ने 'जननी एक्सप्रेस' की शुरुआत तो कर दी है लेकिन नवरंगपुर जिले में करीब 362 गांव ऐसे हैं जहां यह सुविधा नहीं पहुंची है. जिले में 221 गांव ऐसे हैं जहां अच्छी सड़कें नहीं हैं. और इस वजह से सरकार को यह योजना लागू करने में दिक्कत आ रही है.

अस्पताल गांव से करीब 20 किलोमीटर दूर अस्पताल गांव से करीब 20 किलोमीटर दूर
मनोज्ञा लोइवाल
  • नवरंगपुर,
  • 30 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 10:54 AM IST

ओडिसा में मेडिकल सुविधाओं की खस्ता हालत का एक और नमूना सामने आया है. यहां नवरंगपुर जिले में एक महिला ने ऑटो-रिक्शा में बच्ची को जन्म दिया. यह नवजात ऑटो से फिसलकर गिरकर गया जिससे उसकी मौत हो गई.

घटना जिले के उमरकोट ब्लॉक के चालनगुडा गांव की जमुना भातरा से जुड़ी है जिसे सोमवार सुबह से ही लेबर पेन हो रहा था. उसके पति मधु भातरा ने पास के अस्पताल जाने के लिए 'जननी एक्सप्रेस' को कॉल किया. यह सेवा प्रेग्नेंट महिलाओं को पास के अस्पताल में पहुंचाने के लिए शुरू की गई है. लेकिन घंटों तक इंतजार करने के बाद जब जमुना का दर्द बढ़ने लगा तो मजबूरी में इस दंपति ने ऑटो-रिक्शा बुलाया.

Advertisement

उमरकोट स्थ‍ित सिविल अस्पताल इनके गांव से करीब 20 किलोमीटर दूर है. इस कच्चे रास्ते से दंपति अस्पताल जा रहा था कि जमुना ने सिविल अस्पताल से कुछ दूर पहले ही ऑटो-रिक्शा में ही बच्ची को जन्म दे दिया . महिला इतनी कमजोर हो गई थी कि वो अपने नवजात बच्चे को सही तरीके से पकड़ नहीं सकती थी और बच्चा फिसल कर गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई.

सरकार ने 'जननी एक्सप्रेस' की शुरुआत तो कर दी है लेकिन नवरंगपुर जिले में करीब 362 गांव ऐसे हैं जहां यह सुविधा नहीं पहुंची है. जिले में 221 गांव ऐसे हैं जहां अच्छी सड़कें नहीं हैं. और इस वजह से सरकार को यह योजना लागू करने में दिक्कत आ रही है.

आपको बता दें कि हाल में राज्य के कालाहांडी जिले में एक शख्स को अस्पताल से घर तक एंबुलेस की सुविधा नहीं मिलने की वजह से अपनी पत्नी के शव को 10 किलोमीटर तक कंधे पर लादकर चलना पड़ा था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement