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राजस्थान के कोटा में हुई भयंकर बारिश से MP के भिंड में बिगड़े हालात

भिंड जिले के चंबल नदी किनारे बसे एक दर्जन गांव बाढ़ से घिर गए हैं. रातों रात पानी इतना बढ़ा कि सुबह जब लोग जागे तो अपने घरों को बाढ़ के पानी से घिरा पाया.

चंबल नदी में बढ़ा जलस्तर चंबल नदी में बढ़ा जलस्तर
लव रघुवंशी/रवीश पाल सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST

राजस्थान के कोटा में हुई भारी बारिश के कारण मध्यप्रदेश के भिंड में हालात खराब हो गए हैं. दरअसल कोटा में भारी बारिश के बोद कोटा बैराज लबालब हो गया और उसके गेट खोलने पड़े, जिसके कारण चंबल नदी में जलस्तर बढ़ गया और भिंड जिले के गावों में पानी घुस गया.

लोगों को हुई परेशानी
भिंड जिले के चंबल नदी किनारे बसे एक दर्जन गांव बाढ़ से घिर गए हैं. रातों रात पानी इतना बढ़ा कि सुबह जब लोग जागे तो अपने घरों को बाढ़ के पानी से घिरा पाया. परेशानी का आलम यह है कि पशुओं का चारा भी पानी की भेंट चढ़ चुका है. वहीं दूसरी ओर खाना बनाने के लिये सूखी लकड़ी तक नही मिल पा रही हैं, जिसके कारण घरों में खाना नहीं बन पा रहा. वहीं बाढ़ के कारण इलाके में अब सब्जी मिलने में भी परेशानी हो रही है.

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बिजली की समस्या
सबसे बड़ी समस्या लाइट की है, क्योंकि बाढ़ के कारण बिजली के खंभे पानी में डूब चुके हैं और बिजली की लाइन काट दी गई है. मोबाइल नेटवर्क भी भारी बारिश के बाद ध्वस्त हो गए हैं, जिसके कारण लोग अपनों का हाल भी नहीं जान पा रहे.

रेस्क्यू टीमें मौजूद
दरअसल इसके पीछे की बड़ी वजह है कोटा में हो रही भारी बारिश. चंबल नदी में कोटा बैराज डैम से दो लाख पचास हजार क्यूसेक से अधिक पानी रिलीज करने से भिंड के अटेर इलाके के निचले बसे एक दर्जन गांव बाढ़ की चपेट मे आ गए हैं. खतरा इसलिए भी बड़ा है, क्योंकि चंबल नदी पर भिंड से इटावा को जोड़ने वाले पुल पर खतरे का निशान 119.80 मीटर है, जबकि चंबल नदी खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर यानि 122.86 मीटर पर बह रही है. नदी के विकराल रूप को देखते हुए प्रसासन ने रेस्क्यू टीमें बुला ली हैं.

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जान का नुकसान नहीं
हालांकि सबसे बड़ी राहत ये है कि भिंड से अभी किसी की जान का नुकसान की खबर नहीं आई है. लेकिन यदि जल्द ही नदी का पानी कम नहीं हुआ तो लोगों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी. वहीं दूसरी तरफ पानी उतरने के बाद भी प्रशासन को अलर्ट पर रहना होगा, क्योंकि इसके बाद वर्षाजनित बीमारियों के बढ़ने की आशंका सबसे ज्यादा है.

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