
नए साल पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 'आजतक' से विस्तृत बात की और प्रदेश में विकास और अपने काम के बारे में बताया. मुख्यमंत्री ने आजतक संवाददाता से कहा कि मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे, इस पर उनकी सरकार का पूरा जोर रहेगा. उन्होंने यह भी बताया कि अब वे दिन गए जब मंत्री, विधायक कार्यों की घोषणा करते थे क्योंकि अब यह जिम्मेदारी अधिकारी और विभागों की होगी.
'आजतक' ने कमलनाथ से पूछा कि नया साल मध्य प्रदेश के लिए क्या नई सौगात लेकर आएगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं कोई घोषणा करना नहीं चाहता. सबसे बड़ी सौगात होगी कि लोगों को अहसास हो कि ऐसा सत्ता परिवर्तन हुआ है कि मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे. मैं यही चाहता हूं कि लोगों को यह अहसास काम से हो, विज्ञापन से नहीं. प्रदेश के लोगों को काम दिखे. यही मेरी सबसे बड़ी सौगात होगी. आगे और भी योजनाएं आएंगी, नीतियां आएंगी और परिवर्तन आएगा.'
उनसे अगला सवाल यह पूछा गया कि मध्य प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है कि घोषणाएं अब मंत्री नहीं कलेक्टर करेंगे. ये सोच आपके अंदर कैसे आई? इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, 'अंत में कार्यों का क्रियान्वयन अधिकारी करते हैं, विभाग करते हैं. विभाग के ऊपर यह जिम्मेदारी होनी चाहिए कि जो घोषणा कर रहे हैं, उसको निभाएं. इसका क्रियान्वयन हो. यह सब कुछ देखकर विभाग घोषणा करें कि बजट क्या है. इसकी पूरी रिपोर्ट उन्होंने बनाई है तो ये पूरी जिम्मेदारी उनकी है. अगर मैं घोषणा करता हूं तो जिम्मेदारी मेरी होती है. इस काम में कई प्रकार की अड़चनें आती हैं और कार्यों की पूर्ति नहीं होती.'
गौरतलब है कि पिछले 15 साल से मध्य प्रदेश में बीजेपी का राज था और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे. इतने वर्षों के बाद कांग्रेस वहां दोबारा सत्ता में आई है और मुख्यमंत्री कमलनाथ बनाए गए हैं. उन्होंने पद की शपथ लेते ही चुनावी घोषणा पत्र में दर्ज कई वायदों में एक किसानों की कर्ज माफी को लागू किया और कई किसानों को इससे राहत दी. उनकी आगे भी कई योजनाएं हैं जिस पर सरकार धीरे-धीरे अमल कर रही है. मंगलवार को साल के पहले दिन कई आईएएस और आईपीएस समेत 120 अधिकारियों को प्रमोशन दिया गया.
एक सवाल पूछा गया कि आपने कर्जमाफी की लेकिन क्या इसकी कोई स्टडी की थी कि कितने किसान इससे लाभान्वित होंगे? इसके जवाब में कमलनाथ ने कहा, 'मैंने पूरी स्टडी की थी. यह नहीं कि बस कह दिया लिख दो. मैंने यह पूरी स्टडी कर ली थी कि कितना हमारे शेड्यूल्ड बैंक्स में है, कितना हमारे कोऑपरेटिव बैंक्स का है. इसमें 50000 तक के कितने किसान हैं. 50000 से लेकर 100000 तक कितने किसान हैं, तो मैंने इसकी स्टडी की हुई थी. उसके बाद मैंने पिछले 8 दिनों में और इस पर जो हमारी बातचीत हुई है, चर्चा हुई है तो इसका क्रियान्वयन किया जाए जल्दी से जल्दी किया जाए.'
कर्जमाफी की 31 मार्च की डेडलाइन को आगे बढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'अभी हम इस पर जांच कर रहे हैं. हो सकता है 31 मार्च अगर हम तारीख लें और 30 सितंबर की तारीख लें तो 30 सितंबर में किसानों की संख्या घट जाती है. 31 मार्च हमने इसलिए चुना क्योंकि सबसे ज्यादा किसानों की संख्या 31 मार्च में है. यह हम देख रहे हैं कि हम नवंबर भी कर सकते हैं. हम 12 दिसंबर भी कर सकते हैं.'
अंतिम सवाल यह पूछा गया कि आपकी कर्जमाफी की घोषणा हुई, उसके बाद बात चली कि केंद्र सरकार किसानों या बेरोजगारों के खातों में सीधी रकम ट्रांसफर करेंगे. इस पर सीएम कमलनाथ ने कहा कि महाराष्ट्र में कर्जमाफी हुई जहां बीजेपी की सरकार है. उत्तर प्रदेश में कर्जमाफी हुई जहां बीजेपी की सरकार है. मैंने उनकी घोषणाओं का अध्ययन किया कि इसकी कितनी पूर्ति हुई. आज केंद्र सरकार को अहसास हो रहा है कि जब तक हम कृषि क्षेत्र में मजबूती ना लाएं, कृषि क्षेत्र को अपने तरीके से न सोचें, देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है. बड़ी देर से यह बात उनको समझ में आई है.