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मध्यप्रदेश सरकार ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से राज्य सरकार नई पॉलिसी लेकर आई है. इस पॉलिसी के तहत अब निवेशकों को न केवल राज्य में कहीं भी निवेश के लिए जगह चुनने की छूट होगी बल्कि सरकार बकायदा निवेश पर सब्सिडी भी देगी. सरकार ने ये फैसला अपनी पहली पर्यटन कैबिनेट में लिया.
नई पॉलिसी के तहत यदि निवेशक राज्य में कहीं होटल बनाना चाहे या फिर कंवेशन सेंटर खोलना चाहे या फिर वो क्रूच डालना चाहे. हर निवेश पर सरकार की ओर से छूट मिलेगी जिसकी सीमा पर्यटन कैबिनेट में तय कर दी गई है. इसके अलावा पहले जहां कुछ एक पर्यटन जोन में ही निवेश होता था उसे अब सरकार ने पूरे राज्य के लिए लागू कर दिया है जिसके तहत कोई भी व्यक्ति कहीं भी जमीन लेकर पर्टन से जुड़ा व्यवसाय शुरू कर सकता है. इसके अलावा होटल व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भी नीति में कई बदलाव किए गए हैं.
इको और एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहती है सरकार
पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा की मानें तो सरकार इको एवं एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देना चाहती है और इसलिए इस क्षेत्र में भी निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं. इसके अलावा वॉटर बॉडीज में भी वॉटर टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए बांधों के बैकवॉटर में संभावनाएं तलाशी जाएंगी. इंदिरा सागर बांध या दूसरे बांधों के बैकवॉटर में जिसमें क्रूज के लिए भी लाइसेंस दिए जाएंगे. वहीं अभी तक सिर्फ ग्वालियर, इंदौर, भोपाल या जबलपुर में ही कंवेशन सेंटर खोलने पर सब्सिडी मिलती थी. लेकिन नई पॉलिसी के तहत राज्य में कहीं भी कंवेशन सेंटर खोले जाने पर सब्सिडी मिल सकेगी.