
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ से चार दिन पहले हुई ट्रक ऑपरेटरों की बैठक बेनतीजा रहने के बाद शनिवार 5 अक्टूबर से सूबे के ट्रक ऑपरेटर हड़ताल पर चले गए हैं. इंदौर ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बैनर तले मध्य प्रदेश की करीब 60 अलग-अलग ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने इस हड़ताल को समर्थन दिया है जिसके बाद मध्यप्रदेश के करीब 2 लाख से ज्यादा ट्रकों के पहिये शनिवार से थम गए हैं.
क्या है ट्रांसपोर्टरों की मांग?
दरअसल ट्रांसपोर्टरों ने एक अक्टूबर को सीएम कमलनाथ से भोपाल में मुलाकात कर 28 हजार किलो या उससे भारी ट्रक के लाइफटाइम टैक्स को क्वार्टरली करने और डीजल-पेट्रोल पर बढ़ाये गए 5 फीसदी वैट को खत्म करने की मांग की थी. हालांकि बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला लिहाजा अपने पहले से घोषित कार्यक्रम के तहत ट्रक ऑपरेटर शनिवार से हड़ताल पर चले गए हैं.
शनिवार को हड़ताल का पहला दिन रहा
शनिवार को हड़ताल का पहला दिन था पर हड़ताल इसका ज्यादा असर नहीं दिखा लेकिन माना जा रहा है कि जो ट्रक फिलहाल लोडिंग में हैं वो रविवार तक अपना माल खाली कर देंगे. उसके बाद लगभग सभी ट्रक और टैंकर जब खड़े हो जाएंगे तो इसका असर दिखने लगेगा. दीवाली का त्योहार होने के कारण इन दिनों बड़े पैमाने पर माल की ढुलाई और आवागमन होता है. लेकिन हड़ताल लंबी खींची तो सभी जरूरी चीजों की सप्लाई पर असर पड़ सकता है जिसकी चपेट में व्यापारियों से लेकर आम आदमी तक आएगा.