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मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन के समाप्त होने में बनी असमंजस की स्थिति के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अपनी सरकार को किसान हितैषी सरकार बताते हुए कहा कि उनकी सरकार सदैव किसानों के कल्याण के लिये कार्य करती है और जो लोग आंदोलन समाप्त होने की घोषणा के बाद भी हिंसा एवं उपद्रव कर रहे हैं, वे किसान नहीं, बल्कि असामाजिक तत्व हैं.
इस बीच, भारतीय किसान संघ (बीकेएस) एवं मध्य प्रदेश किसान सेना द्वारा चौथे दिन कल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उज्जैन में बातचीत कर किसान आंदोलन समाप्त करने की घोषणा के एक दिन बाद भी प्रदेश में किसानों से जुड़े विभिन्न यूनियनों ने अपना आंदोलन जारी रखा और पश्चिमी मध्यप्रदेश के धार, देवास, झाबुआ, मंदसौर एवं नीमच जिलों सहित कई स्थानों पर आज तोड़फोड़ एवं हिंसक घटनाएं हुई.
चौहान ने आनन-फानन में मुख्यमंत्री निवास पर यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर कहा, 'मध्य प्रदेश सरकार किसानों की सरकार है. मेरी सरकार ने किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये हैं. किसान आंदोलन के दौरान जो लोग हिंसा कर रहे हैं, वे किसान नहीं बल्कि असामाजिक तत्व हैं. वे किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुसीबत में किसानों के उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदने के लिए मध्य प्रदेश सरकार 1,000 करोड़ रुपये का मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना करेगी. चौहान ने बताया, 'हमने एक फैसला आज लिया है. पिछले साल भी सरकार ने प्याज की खरीदी थी और इस साल भी प्याज खरीद रहे हैं.
इसके लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष बना रहे हैं. उन्होंने कहा, कई बार उत्पादन ज्यादा हो जाता है, तो दाम कम हो जाते हैं और दाम कम हो जाएगा तो खेती घाटे का सौदा बन जाएगा. इसलिए 1,000 करोड़ रुपये से हम मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि अगर कभी भी ऐसी परिस्थिति बनती है कि अधिक उत्पादन से किसान को ठीक दाम नहीं मिल रहे हैं तो सरकार इस कोष से उनके उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी या उनकी मदद करेगी. उन्होंने बताया कि पिछले 10 सालों में उनकी सरकार ने जो काम किसानों के लिए किये हैं, उससे कृषि उत्पादन बहुत बढ़ा है. साल में दो खेती के स्थान पर किसान अब तीन खेती कर रहे हैं. चौहान ने बताया, 'मेरी सरकार ने पिछले साल भी छह रुपये प्रति किलोग्राम की दर से किसानों से प्याज खरीदी थी और इस बार भी हमने आठ रुपये प्रति किलोग्राम की दर से किसानों से प्याज खरीदने का फैसला लिया है.
उन्होंने कहा कि प्याज खरीदने के लिए जो लागत आती है, वह पांच रुपये से साढ़े पांच रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास आती है. चौहान ने बताया, 'अभी तीन जगहों उज्जैन, इंदौर एवं मंदसौर में प्याज खरीदी शुरू हुई है. इसके लिए एक बड़ी व्यवस्था बनानी है. प्रदेश में 48 स्थानों पर 22 जिलों में प्याज की खरीदी की जाएगी. प्याज हम 30 जून तक खरीदेंगे.'
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के किसानों ने अपने उपज के वाजिब दाम दिलाने सहित अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा की है.