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व्यापम मामले पर कांग्रेस ने मांगा सीएम शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफा

अरुण यादव ने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान खुद को मामा कहते हैं तो बच्चों के ‘मामा’ इसकी नैतिक जिम्मेदारी लें और अपने पद से इस्तीफा दें.

सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किए 634 छात्रों के दाखिले सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किए 634 छात्रों के दाखिले
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 14 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 6:16 AM IST

 व्यापम मामले में सोमवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस ने शिवराज सिंह चौहान पर एक बार फिर हमला बोला है. मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कोर्ट के फैसले के बाद सीएम शिवराज के इस्तीफे की मांग की है.

आपको बता दें कि सोमवार को मध्य प्रदेश व्यापम भर्ती घोटाले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 500 से ज़्यादा छात्रों के दाखिले को रद्द कर दिया है. ये वो छात्र हैं जिन्हें 2008 से 2012 के बीच एमबीबीएस कोर्स में दाखिला दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी के दाखिले को नियम विरुद्ध मानते हुए ये फैसला सुनाया और 634 छात्रों के दाखिले को रद्द कर दिया.

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही कांग्रेस मुखर हो गई. अरुण यादव ने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान खुद को मामा कहते हैं तो बच्चों के ‘मामा’ इसकी नैतिक जिम्मेदारी लें और अपने पद से इस्तीफा दें. कांग्रेस के महासचिव और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्वीट करते हुए लिखा कि एमपी में व्यापम द्वारा मेडिकल कॉलेज में पैसा ले कर की गयी भर्ती को अवैध मानकर सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया. हमारा आरोप सही पाया गया है. इसके अलावा दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि जिन्होंने फ़र्ज़ी भर्ती की रूप रेखा बनाई, धोखा दिया, पैसे लिये उनका कुछ नहीं हुआ.

आम आदमी पार्टी ने उठाए सवाल

कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी कोर्ट के फैसले के बाद आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार से छात्रों का भविष्य खराब हुआ है और असली गुनहगार अब भी आज़ाद हैं. आम आदमी पार्टी के मध्य प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने कहा कि व्यापम के असली आरोपी आज जेल से बाहर हैं. आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि व्यापम मामले की सीबीआई जांच में तेज़ी लाई जाए ताकि असली आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके.

 


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