
भारतीय तर्कवादी और महाराष्ट्र के लेखक नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जहां एक ओर ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है, वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि एजेंसी ने मामले में हिंदू जनजागृति के कार्यकर्ता वीरेंद्र तावड़े को गिरफ्तार कर लिया है. पिछले दिनों सीबीआई ने तावड़े के पनवेल स्थित आवास पर छापेमारी भी की थी.
गौरतलब है कि बुधवार को दो संदिग्ध दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं के पुणे और रायगढ़ के पनवेल स्थित घर पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान सीबीआई ने कहा कि उसे कुछ दस्तावेज, मोबाइल नंबर, ई-मेल और अन्य सामग्री मिली है, जिसकी जांच की जानी है.
सीबीआई ने 2014 में दायर किया मामला
एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने नौ मार्च 2014 को एक मामला दायर किया था, जिसके बाद यह कार्रवाई सामने आई है. दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
दिनदहाड़े घर के निकट हुई थी हत्या
नरेंद्र दाभोलकर (68) की मोटरसाइकिल सवार दो अज्ञात लोगों ने उनके घर के निकट सुबह 7:20 बजे के आसपास गोली मारकर हत्या की थी. मामले की जांच पहले पुणे की डेक्कन पुलिस के हाथों थी, जिसे बाद में जांच को सीबीआई के हवाले कर दिया गया. दाभोलकर की दिनदहाड़े हुई हत्या के तीन साल बाद भी हत्यारों का कोई अतापता नहीं चल पाया है. हत्या का शक कुछ दक्षिणपंथी समूहों तथा कार्यकर्ताओं पर है.
अंधविश्वास के खिलाफ लड़ी लड़ाई
बता दें कि दाभोलकर ने कई दशकों तक काला जादू सहित अंधविश्वास की कई प्रथाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जिसके बाद महाराष्ट्र इस ओर कानून बनाने वाला पहला राज्य बना. हालांकि ऐसा उनकी मौत के बाद हो सका.