
कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच जारी बेलगाम बॉर्डर विवाद बढ़ता जा रहा है. शिवसेना ने गृह मंत्रालय से मामले को सुलझाने की अपील की है. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर गृह मंत्रालय कश्मीर मुद्दे को हल कर सकता है और अनुच्छेद 370 को हटा सकता है तो मुझे लगता है कि यह बॉर्डर मुद्दा भी हल किया जा सकता है.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि अगर अमित शाह चाहते हैं. मामला गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है. यह एक लंबे समय से लंबित मुद्दा है. उसे इस ओर भी ध्यान देना चाहिए.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'बेलगाम (कर्नाटक) और आस-पास के इलाकों में मराठी लोग 70 साल से लड़ रहे हैं , जिन्हें महाराष्ट्र में शामिल किया जाना है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है, लेकिन 14 साल से विचाराधीन है.
सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला करेगा, हम उसे स्वीकार करेंगे. लाखों मराठी लोग बेलगाम में रहते हैं, वे अपनी भाषा और संस्कृति का पालन करते हैं. मैं सीएम ठाकरे से भी बात करूंगा कि दोनों सीएम इस मामले का उपाय निकालें.'
क्या है बेलगाम सीमा विवाद?
कर्नाटक और महाराष्ट्र में बेलगाम सीमा को लेकर विवाद वर्षों से चला आ रहा है. जहां कर्नाटक इस हिस्से पर अपना दावा ठोंकता है, वहीं महाराष्ट्र इसे अपना भाग मानता है.
कर्नाटक इस मामले पर महाजन कमिशन की दलील देता है, वहीं बेलगाम पर महाराष्ट्र की ओर से दावा किया जाता है कि इस इलाके में मराठी भाषी लोगों की आबादी ज्यादा है, लेकिन यह जिला अभी कर्नाटक में आता है. महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच बेलगाम और अन्य सीमावर्ती इलाकों का मामला कई वर्षों से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है.