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प्याज के दाम से किसान खुश, कहा- 3 साल बाद आए अच्छे दिन

पिछले दिनों महाराष्ट्र समेत कई पश्चिमी राज्य में भारी बारिश होने से होलसेल मार्केट में प्याज आना कम हो गए. एक ओर बाजार में अच्छा प्याज कम आ रहा है, वही डिमांड बढ़ने से भाव भी बढ़ गए हैं.

प्याज के दाम से किसान खुश प्याज के दाम से किसान खुश
पंकज खेळकर /सुरभि गुप्ता
  • पुणे,
  • 24 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 4:16 AM IST

प्याज के  भाव में आई तेजी के कारण अच्छे प्याज की फसल लिए पुणे गुलटेकडी बाजार में आने वाले किसानों के चेहेरे पर इन दिनों रौनक छाई हुई है. किसानों के चेहरे खिले हुए दिखाई दे रहे हैं और हो भी क्यों ना, किसानों की मानें तो तीन साल के बाद उनके प्याज की फसल को 40 रुपया प्रति किलो का भाव मिल रहा है.

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सोमवार को जब 'आज तक' ने प्याज मंडी में भाव का जायजा लिया, तो व्यापारी और किसान खुश दिखाई दे रहे थे. व्यापारी जाधव के मुताबिक तीन साल के बाद प्याज के लिए अच्छे दिन आए हैं. पहले प्याज का बहुत कम भाव आया करता था. ग्राहकों के नजरिये से देखें तो दिवाली के तुरंत बाद प्याज के बढ़ते दाम उन्हें रुला सकते हैं क्योंकि प्याज के भाव आसमान छूने लगे हैं.

भाव में तेजी आने की वजह

पिछले दिनों महाराष्ट्र समेत कई पश्चिमी राज्य में भारी बारिश होने से होलसेल मार्केट में प्याज आना कम हो गए. एक ओर बाजार में अच्छा प्याज कम आ रहा है, वही डिमांड बढ़ने से भाव भी बढ़ गए हैं. पुणे के गुलटेकडी मार्केट में रविवार और सोमवार को प्याज 3500 से 4000 रुपये क्विंटल यानी 100 किलो प्याज के लिए 4000 रुपये भाव हो गया है और ये प्याज दिल्ली व अन्य बड़े शहरों में पहुंचते-पहुंचते तक 55 रुपए प्रति किलो हो जाएगा. आम तौर पर पुणे के मंडी में प्याज के 150 ट्रक का व्यापार होता है, लेकिन बारिश के कारण प्याज की कम आवक हो रही है. अच्छे प्याज के 60 से 70 ट्रक आ रहे हैं, जिनके भाव 35 से 40 रुपए प्रति किलो रह रहे हैं. वहीं हल्के क्वालिटी वाले प्याज के 50 ट्रक, जिनके भाव 15 से 20 रुपए प्रति किलो रह रहा है.

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भाव अच्छे मिलने से किसान खुश

मंडी में 'आज तक' के संवाददाता की मुलाकात उस किसान से हुई जिसे दस अक्टूबर को प्याज के लिए 25 रुपये प्रति किलो का भाव मिला था और 24 अक्टूबर को उसने 40 रुपए प्रति किलो भाव से अपना प्याज बेचा. किसान का कहना है कि सभी लोगों को किसानों की खुशी में शरीक होना चाहिए. कई बार किसानों को 2 से 5 रुपये किलो के भाव से प्याज बेचना पड़ता है, तो तब वो भी दुखी होते हैं.

सरकार ना करे हस्ताक्षेप: व्यापारी

बाजार में व्यापारियों ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण प्याज खराब होने से किसान माल नहीं भेज पा रहे हैं और इसी वजह से माल कम है, तो भाव ज्यादा होना लाजमी है. पुणे मार्केट में व्यापारियों का कहना है कि पिछले तीन साल किसानों को नुकसान सहन करना पड़ रहा था. तीन वर्षों से प्याज किसानों को रुला रहा था. अबकी बार प्याज किसानों के लिए खुशियां लाया है, तो सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए.

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