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प्याज के दाम निकालेंगे दम? क्या है थोक मंडियों का ट्रेंड

सोमवार को नासिक में प्याज ने 2800 रुपए प्रति क्विंटल का भाव छुआ था. लेकिन मंगलवार को मांग कम होने की वजह से थोकमंडी में प्याज 2000 रुपए से 2600 रुपए प्रति क्विंटल बिकते देखा गया.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
खुशदीप सहगल/कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह/पंकज खेळकर
  • नासिक/पुणे,
  • 11 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 4:23 AM IST

थोक मंडियों में प्याज के दाम बीते 10 दिनों में करीब दुगने तक चढ़ गए. 10 दिन पहले जो प्याज 1600 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहा था वो 2900 रुपए प्रति क्विंटल तक चढ़ गया. हालांकि मंगलवार को प्याज के दामों में 100 से 200 रुपए प्रति क्विंटल तक मामूली उतार आया. प्याज के दाम चढ़ने का असर खुदरा बाजार में देखने को ये मिला कि प्याज 40-50 रुपए किलो तक बिक रहा है.

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सोमवार को नासिक में प्याज ने 2800 रुपए प्रति क्विंटल का भाव छुआ था. लेकिन मंगलवार को मांग कम होने की वजह से थोकमंडी में प्याज 2000 रुपए से 2600 रुपए प्रति क्विंटल बिकते देखा गया. लासलगांव समेत सभी मंडियों में मंगलवार को प्याज की आवक अच्छी रही. लेकिन ज्यादा मांग नहीं होने की वजह से दामों में कमी आई.

नासिक कृषि मंडी से जुड़े प्याज कारोबारी संजय परदेशी का मानना है कि डिमांड नहीं होने की वजह से ऐसा हुआ. लेकिन भारत के दक्षिणी हिस्से से आने वाला नया प्याज इस बार देरी से आएगा. वहां बारिश की वजह से प्याज की फसल खराब हो गई है. ऐसे में 15 दिन तक बाजार में ऐसी स्थिति बनी रहेगी.

थोक मंडी में प्याज का भाव 25 रुपए किलो तक है तो खुदरा बाजार में आते-आते ये 40-50 रुपए किलो हो जाता है. लेकिन ऐसे हालात मे भी प्याज उगाने वाले किसान खुश नहीं है. दरअसल उसकी एक किलो प्याज को उगाने में 10 से 15 रुपए प्रति किलो लागत आई है. इसके अलावा उसने पांच-छह महीने तक प्याज को स्टोर भी किया. बेमौसम बरसात की वजह से स्टोर की गई प्याज को नुकसान भी पहुंचा है. नासिक के सटाना तालुका के किसानों का कहना है कि शहर में खुदरा बाजार में प्याज के दाम महंगे हो जाते हैं तो सरकार पर दाम गिराने के लिए दबाव बनाना शुरू हो जाता है. लेकिन तब क्यों सब चुप रहते हैं जब किसान को 1 रुपए किलो तक प्याज बेचना पड़ा था.

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बताया जा रहा है कि इस साल प्याज की नई फसल एक महीना देरी से आएगी. तब तक स्टोर किया हुआ प्याज ही किसान का पेट भरेगा . मौके का फायदा उठाने के लिए बिचौलिए सबसे ज्यादा ताक में रहते हैं. यही प्याज के दाम बढ़ाकर अपने स्टॉक किए हुए प्याज को बेचते हैं.

पुणे के थोक बाजार में 20 रुपए प्रति किलो से 29 रुपए प्रति किलो चढ़ गया था. मंगलवार को इसमें एक से दो रुपए का उतार आया है. पुणे में अच्छी क्वालिटी का प्याज 26 से 27 रुपए किलो बिक रहा है.

व्यापारियों का कहना है कि बारिश की वजह से प्याज की फसल को पूरे राज्य में नुकसान पहुंचा है जिसकी वजह से प्याज के दाम बढ़ना शुरू हो गए.

नागर जिले के एक किसान विनायक का कहना था कि प्याज का दाम 2700 रुपए क्विटंल पहुंचने से वो खुश है क्योंकि उसे इंतजार करने का फायदा मिला. दाम बढ़ने से उसका मुनाफा बढ़ा. पुणे में व्यापारियों ने इस बात का खुलासा किया कि कैसे थोक मार्केट में 2700 रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाला प्याज शहरों में खुदरा मार्केट तक पहुंचते 4000 रुपए प्रति किलो हो जाता है. दरअसल 2700 रुपए प्रति किलो थोक भाव में 360 रुपए प्रति क्विटंल ट्रांसपोर्ट के जुड़ते हैं. फिर इसमें कमीशन और लेवी के 250 रुपए प्रति क्विंटल और जुड़ते हैं. हर शहर में वितरण में आने वाला खर्च 300 रुपए प्रति क्विंटल बैठता है. इस तरह ये 3610 रुपए क्विंटल हो जाता है. खुदरा व्यापारी 400 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अपना मुनाफा जोड़ता है. इस तरह दिल्ली जैसे महानगरों तक आते आते प्याज ग्राहकों तक क्षेत्र के हिसाब से 40 रुपए प्रति किलो तक बिकने लगता है.

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