
देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन तेजस एक्सप्रेस में रविवार को फूड पॉइजनिंग होने से 20 से ज्यादा यात्री बीमार हो गए. फूड पॉइजनिंग की खबर मिलते ही ट्रेन को कोंकण के चिपलून स्टेशन पर रोका गया. बीमार पैसेंजर्स को लाइफ केयर हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. वहीं भारतीय रेल मंत्रालय ने कहा है कि तेजस मामले में केटरिंग कॉन्ट्रैक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है और दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
रेल मंत्रालय ने अस्पताल के हवाले से जानकारी दी है कि सभी बीमार यात्री खतरे से बाहर हैं. इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जिस किचन में यात्रियों के खाना तैयार किया गया था, उसका अधिकारियों ने निरीक्षण कर लिया है.
जांच के लिए रखा गया खाने का सैंपल
IRCTC ने मामले पर बयान जारी किया है कि ट्रेन नंबर 22120 तेजस एक्सप्रेस में फूड पॉइजनिंग की खबर मिलते ही ट्रेन को चिपलून पर रोका गया. 9 यात्रियों का पहले रेलवे डॉक्टरों ने उपचार किया. इसके बाद 24 यात्रियों को मेडिकल सहायता के लिए लाइफ केयर हॉस्पिटल ले जाया गया. खाने का सैंपल जांच के लिए लिया गया है. कुल 220 नाश्ते का पैकेट परोसा गया था. केटरिंग सर्विस के डायरेक्टर आगे की पड़ताल के लिए मुंबई रवाना हुए हैं.
यात्रियों की हालत स्थिर
प्रीमियम ट्रेन तेजस एक्सप्रेस गोवा से मुंबई जा रही थी, तभी यात्रियों को फूड पॉइजनिंग हो गई. यात्रियों ने जब इसकी शिकायत की, तब चिपलून में ट्रेन रोकी गई और सभी को अस्पताल भेजा गया. सभी बीमार यात्रियों की हालत स्थिर बताई जा रही है.
नाश्ते के बाद हुई परेशानी
ट्रेन में सुबह का नाश्ता करने के बाद लोगों को दिक्कत होनी शुरू हुई. ये ट्रेन गोवा और मुंबई के बीच चलती है. तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मई, 2017 में तेजस एक्सप्रेस को छत्रपति शिवाजी स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. ये प्रीमियम रेलगाड़ी मुंबई से गोवा के करमाली के बीच हफ्ते में पांच दिन चलती है.