
80 साल के एक बुजुर्ग ने अपनी शेष जिंदगी एकाकी जीवन के रूप में गुजारने की जगह परिवार के साथ रहने का फैसला लिया और
बड़ा फैसला लेते हुए शादी के बंधन का फैसला लिया. खास बात यह रही कि दुल्हन की दोनों बेटियां भी इस शादी में शामिल हुईं.
महाराष्ट्र के अहमदनगर के छोटे से गांव अकोले के लोगों ने एक ऐसी ही अनोखी और दिलचस्प शादी का गवाह बने जहां 80 साल के दूल्हे ने 68 साल की दुल्हन के साथ एक नया दांपत्य जीवन शुरू किया.
80 साल के बुजुर्ग निवृत्ति रूपवते ने अपनी इस अनोखी शादी के लिए बाकयदा शादी का कार्ड भी छपवाया.
शादी के लिए छपाया कार्ड
निवृत्ति रूपवते ने 68 वर्षीय सुमनबाई पवार के साथ शादी करने के लिए छपवाए अपने कार्ड में लिखा, 'हम ज्येष्ठ नागरिक, हमारे जीवन में एक-दूसरे को आधार देने, एक दूसरे ख्वाब और इच्छाएं पूरी करने के लिए रिश्तेदारों की रजामंदी से हम शादी कर रहे हैं. भगवान बुद्ध और डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर के आशीर्वाद लेकर हम नए जीवन की शुरुआत कर रहे हैं.' महाराष्ट्र्र के अहमदनगर के अकोले गांव में यह अनूठी शादी रचाई गई.हालांकि यह दिलचस्प शादी पिछले महीने 16 फरवरी को हुई. दो बुजुर्गों की ऐतिहासिक शादी बुद्ध विहार में संपन्न हुआ.
निवृत्ति रूपवते पोस्ट मास्टर रहे हैं और रिटायर के बाद की एकाकी जिंदगी जीने को मजबूर थे, क्योंकि उनका एकलौता बेटा पिछले 10 सालों से लापता है. वहीं दुल्हन बनी सुमनबाई की 2 बेटियां हैं.
शादी से पहले सलाह
उम्र के आखिरी पड़ाव में दोनों बुजुर्गों ने अकेले होने के कारण करीबी लोगों से सलाह-मशविरा करने के बाद शादी के बंधन में फिर से बंधने का फैसला लिया.
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इस अनोखी शादी में बुजुर्ग दुल्हन की दोनों बेटियों के अलावा बड़ी मात्रा में रिश्तेदार भी शामिल हुए.
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उम्र के अंतिम दौर में किसी वृद्धाश्रम में जीवन गुजारने से बेहतर दुबारा शादी करना काफी बेहतर है. दो बुजुर्गों की इस अनोखी शादी में बड़े पैमाने पर बाराती शामिल हुए.