
महाराष्ट्र में चुनाव परिणामों के बाद नई सरकार के गठन में आया गतिरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. आखिरकार शुक्रवार शाम महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इस घटनाक्रम के बाद ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी ने सरकार गठन की अपनी यथासंभव कोशिशें कर ली हैं और अब वह अन्य दलों के रुख का इंतजार करना चाहती है. वहीं दूसरी ओर शिवसेना अपनी शर्तों पर अभी भी अडिग है .
शुक्रवार को बीजेपी और शिवसेना की तरफ से हुईं दोनों प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह स्पष्ट हो चुका है कि एक साथ चुनाव लड़ने के बाद अब सरकार बनाने के लिए दोनों पार्टियों के बीच तलवार अभी भी खिंची हुई है. फडणवीस ने उद्धव पर जिस तरह के आरोप लगाए और उद्धव ने जिस तरह उन सभी बातों का जवाब दिया इस बात की संभावना अब नजर नहीं आ रही है कि दोनों पार्टियां दोबारा एक साथ आएंगी. लेकिन कहा जाता है कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता तो आगे क्या होगा इसकी भविष्यवाणी भी नहीं की जा सकती.
फडणवीस ने शिवसेना पर लगाए कई आरोप
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान फडणवीस ने स्पष्ट किया कि मेरे सामने कभी भी उद्धव ठाकरे ने ढाई-ढाई साल के सीएम का प्रस्ताव नहीं रखा था. हालांकि उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि अगर यह बात अमित शाह के साथ हुई होगी तो वह मुझे पता नहीं है. फडणवीस ने आगे कहा कि चुनावों के बाद महायुति की अच्छी सीटें आई थीं . हम लोग बैठ कर इस मामले को सुलझा सकते थे लेकिन उनका रुख डिस्कशन का नहीं था. पहले दिन से ही उन लोगों ने बयानबाजी शुरू कर दी थी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवसेना पर 'विश्वासघात' का आरोप लगाते हुए फडणवीस ने कहा, "मैं उनसे मिलने भी गया, फोन भी किया लेकिन उन्होंने एक भी फोन रिसीव नहीं किया. रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस और एनसीपी से लगातार चर्चा की लेकिन हमसे बात भी नहीं की ." इसके साथ ही शिवसेना के अन्य नेताओं के व्यवहार पर उंगली उठाते हुए फडणवीस ने कहा, "उद्धव ठाकरे के आसपास के लोग जिस तरह बात करते हैं उस तरह की बात से सरकार नहीं बनती. बातचीत से विवाद सुलझ सकता था. कुछ लोगों ने रिजल्ट आने के दिन से ही बयानबाजी शुरू कर दी थी. बाल ठाकरे हमारे लिए सम्मानित हैं इसीलिए हमने कभी कोई अपमानजनक बात नहीं की."
उद्धव ठाकरे ने फडणवीस को दिया करारा जवाब
शिवसेना की तरफ से पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने फडणवीस की तमाम बातों का खंडन किया. उसके बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी मीडिया के सामने आए और एक-एक कर सभी बातों पर अपना पक्ष रखा और स्पष्ट किया कि बीजेपी की ओर से झूठ बोला गया और मैं झूठों से बात नहीं करता. इसके साथ ही उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर दोहराया कि मैंने अपने पिता को वचन दिया है कि एक दिन शिवसैनिक को महाराष्ट्र का सीएम बनाउंगा और उस पर मैं आज भी अटल हूं.
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना पक्ष रखते हुए और फडणवीस पर पलटवार करते हुए उद्धव ने कहा, "झूठ कौन बोलता है यह सबको पता है. गठबंधन को लेकर हमारी क्या चर्चा चल रही थी उसकी भी बात करिए, झूठी बात मत फैलाइए. मेरे पिता को मेरा वादा था कि मैं एक दिन मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना के व्यक्ति को पहुंचाउंगा और मैं इस पर अडिग हूं. पिछले 25 साल तक हम इसी बात पर अड़ते रहे कि जिसकी सीट ज्यादा रहेगी वही सीएम बनेगा. अमित शाह से बात हुई थी. उन्हें स्पष्ट करना चाहिए."
उन्होंने आगे कहा, "महाराष्ट्र की जनता को उल्लू बनाना बंद करे बीजेपी. दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि दो गुजराती हमें राष्ट्रवाद बताएंगे लेकिन हमने ऐसा कुछ नहीं कहा. उनकी गंगा साफ करते-करते हमारा मन गंदा हो गया. सत्ता के नशे में चूर है भाजपा. बीजेपी के दिमाग में गंदगी घुस चुकी है. राम के एक वचन पर कायम नहीं रह सकते. संघ स्पष्ट करे कि क्या हम हिंदू पार्टी नहीं है."
फडणवीस के फोन वाली बात का जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि मेरे पास वक्त था और मैं बात कर सकता था लेकिन मैं झूठ बोलने वालों से बात नहीं करता. पीएम मोदी मुझे छोटा भाई कहते हैं और बीजेपी ने मुझे ठग लिया. लोगों को अमित शाह एंड कंपनी पर कोई भरोसा नहीं है. आगे गलती नहीं करूंगा. इसके साथ ही बीजेपी को अल्टीमेटम देते हुए उद्धव ने कहा कि बीजेपी सरकार बनाए नहीं तो हमारे विकल्प खुले हैं. महाराष्ट्र को सरकार की जरूरत है क्योंकि किसान सूखे और अतिवृष्टि से परेशान हैं. सवालों के जवाब देते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी से मैंने अभी तक बात नहीं की है.