
महाराष्ट्र में नगर परिषद चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोटिंग चल रही है. इस चरण में लातूर और पुणे जिलों में 324 पाषर्दों तथा 14 नगर परिषद अध्यक्षों का निर्वाचन किया जाएगा. मंगलवार सुबह 7.30 बजे शुरू हुई वोटिंग शाम 5.30 बजे तक चलेगा और बुधवार को इन वोटों की गिनती होगी.
चुनावी मैदान में 1,326 प्रत्याशी
राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारी ने बताया कि 14 नगर परिषदों में 324 सीटों के लिए कम से कम 1,326 प्रत्याशी मैदान में हैं. दोनों जिलों में नगर परिषद अध्यक्ष के पद के लिए 106 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है. इससे पहले नगर परिषद चुनाव के प्रथम चरण में बीजेपी ने नोटबंदी के असर को धता बताते हुए टॉप पर रही थी.
पुणे जिले में बारामती की 39 सीटों के लिए 171 प्रत्याशी तथा परिषद अध्यक्ष पद के लिए सात प्रत्याशी मैदान में हैं. वहीं तलेगांव-दभाडे में 26 सीटों के लिए 51 प्रत्याशी और परिषद अध्यक्ष के पद के लिए दो प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. इसी तरह लोनावला में 25 सीटों पर पाषर्दों के पद के लिए 111 प्रत्याशी तथा परिषद अध्यक्ष पद के लिए छह प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है.
इसके अलावा दौंड में 24 सीटों पर 112 प्रत्याशियों के बीच और परिषद अध्यक्ष पद के लिए नौ प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है. जुन्नार में 17 सीटों के लिए 70 प्रत्याशियों के बीच और परिषद अध्यक्ष पद के लिए 13 प्रत्याशियों के बीच टक्कर है. वहीं शिरूर में 21 सीटों पर 72 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और परिषद अध्यक्ष पद के लिए पांच प्रत्याशी मैदान में हैं. अलांदी में 18 सीटों के लिए 57 प्रत्याशियों के बीच और परिषद अध्यक्ष पद के लिए आठ प्रत्याशियों के बीच टक्कर है.
पहले चरण में बीजेपी ने मारी थी बाजी
इससे पहले 27 नवंबर को पहले चरण में राज्य के 25 जिलों की 147 नगर परिषदों तथा 17 नगर पंचायतों के लिए मतदान हुआ था. पहले चरण की कुल 3,727 सीटों में सत्तारूढ़ बीजेपी ने सबसे ज्यादा 893 सीटें अपने कब्जे में की थी. वहीं नगर प्रमुख के 51 पदों पर भी बीजेपी ने जीत दर्ज की थी, जबकि शिवसेना ने 25, कांग्रेस ने 23 और एनसीपी ने 18 सीटें हासिल कीं.
राज्यभर से मिले रूझानों और नतीजों से इस इलाके में बीजेपी अपनी पैठ बनाती दिखी है और नोटबंदी जैसे मुद्दों को लेकर सत्ताधारी बीजेपी को घेरने की कोशिश कर रही कांग्रेस और एनसीपी को झटका लगा है.