
महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनन से पहले कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर खतरा मंडरा गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आदर्श सोसायटी घोटाले की जांच फिर से शुरू कर दी है. बुधवार को कोलाबा के आदर्श सोसायटी में ईडी की टीम पहुंची और माप शुरू कर दिया गया.
यह दूसरी बार था जब ईडी के अधिकारी युद्ध विधवाओं और रक्षाकर्मियों के कल्याण के लिए आवंटित भूमि पर निर्मित विवादास्पद हाउसिंग सोसायटी के परिसर का दौरा कर रहे थे.
सोसायटी के अधिकारियों की आपत्ति
दक्षिण मुंबई के कोलाबा में प्राइम प्रॉपर्टी पर बनाए गए 31 मंजिला टॉवर में कई नौकरशाहों, राजनेताओं और रक्षा अधिकारियों को फ्लैटों की पेशकश की गई और उन्हें आरोपी बनाया गया. इस मामले में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को इस्तीफा देना पड़ा, जबकि कुछ अन्य वरिष्ठ राजनेताओं की जांच चल रही थी.
सूत्रों के अनुसार, ईडी के अधिकारियों ने माप सामग्री और उपकरणों के साथ पूरे कैंपस का दौरा किया और आवासीय परिसर के साथ-साथ विभिन्न मंजिलों पर क्षेत्र और विभिन्न फ्लैटों को मापना शुरू कर दिया. यह पखवाड़े के भीतर दूसरा मौका था जब ईडी के अधिकारियों ने परिसर का दौरा किया था.
ईडी के इस कदम पर आदर्श सोसायटी के अधिकारियों द्वारा आपत्ति जताई गई थी, जिन्होंने एक पत्र के माध्यम से ईडी को परिसर में आने से पहले 15 दिन पहले उन्हें सूचित करने के लिए कहा था.