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PMC के एक और खाताधारक की मौत, पैसे की कमी से नहीं हुआ था इलाज

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (PMC) के एक और खाताधारक की मौत हो गई. मृतक खाताधारक का नाम मुरलीधर धारा बताया जा रहा है.

पीएमसी बैंक (फाइल फोटो) पीएमसी बैंक (फाइल फोटो)
दिव्येश सिंह
  • मुंबई,
  • 18 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

  • पीएमसी बैंक के एक और खाताधारक की गई जान
  • 80 साल के मुरलीधर की हार्ट अटैक से मौत

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (PMC) के एक और खाताधारक की मौत हो गई. मृतक खाताधारक का नाम मुरलीधर धारा बताया जा रहा है. उनकी उम्र 80 साल थी. शुक्रवार को हार्ट अटैक से मुरलीधर की मौत हुई. मौत की पुष्टि मुरलीधर के बेटे ने की.

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मृतक के बेटे प्रेम धारा ने बताया कि उनके पिता लंबे समय से बीमार थे और डॉक्टर ने उन्हें बायपास सर्जरी कराने के लिए कहा था. इसके लिए पैसे की जरूरत थी और समय पर पैसे न मिलने की वजह से बायपास नहीं करा पाए. शुक्रवार की सुबह घर पर ही उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई. वो मुलुंड में रहते थे.

इससे पहले मंगलवार को 59 साल के फत्तोमल पंजाबी की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई. मृतक के परिजन दीपक पंजाबी ने कहा कि पीएमसी बैंक में फत्तोमल पंजाबी के 2 हजार रुपये थे. वो पैसों को निकाल चुके थे. उन्होंने इसे प्राकृतिक मौत बताया. 24 घंटे के भीतर ये दूसरी मौत थी. फत्तोमल पंजाबी से पहले ओशिवारा के तारापोरेवाला गार्डन में रहने वाले संजय गुलाटी की मौत हो गई थी.

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पीएमसी बैंक में उनके करीब 90 लाख रुपये जमा थे. सोमवार को वे बैंक पर लगाई गई पाबंदियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. इस प्रदर्शन के बाद जब वे घर पहुंचे तो उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई.

क्या है मामला?

करीब 35 साल पुराने पीएमसी बैंक में लाखों ग्राहकों की रकम फंसी हुई है. बैंक की आखिरी एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक बैंक में ग्राहकों के 11 हजार 617 करोड़ रुपये जमा हैं. इनमें टर्म डिपॉजिट 9 हजार 326 करोड़ रुपये के करीब है जबकि डिमांड डिपॉजिट के तौर पर 2 हजार 291 करोड़ रुपये जमा हैं.

पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट पर गड़बड़ी का आरोप है. आरोप है कि बैंक के मैनेजमेंट ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी दी. पीएमसी बैंक की ओर से दिए गए लोन का करीब 73 फीसदी हिस्सा सिर्फ एक कंपनी हाउिसंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (HDIL) को दिया गया है, जो कि पहले से ही दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही है.

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