
जासूसी रैकेट में पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों के शामिल होने के खुलासे के बाद अब शिवसेना ने उच्चायोग को दिल्ली से हटाने की मांग की है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में पाक उच्चायोग को जासूसी का अड्डा बताया है.
सामना के संपादकीय में लिखा गया, 'पाकिस्तान की टेढ़ी पूंछ सीधी होने का नाम नहीं ले रही है. इसका उदाहरण एक बार फिर देखने को मिला. हिंदुस्तान की राजधानी में बैठकर पाकिस्तानी खुफिया संगठन आईएसआई जासूसी का एक बहुत बड़ा रैकेट चला रही थी. ऐसी जानकारी सामने आई है. पाक उच्चायुक्त का अधिकारी महमूद अख्तर ही इस रैकेट का सूत्रधार है. खुद अख्तर ने कबूलनामा किया कि जासूसी में मेरे साथ 16 अधिकारी शामिल थे.'
आस्तीन के सांपों को कड़ी सजा होनी चाहिए
शिवसेना ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के चलते पाकिस्तानी अधिकारियों को हिंदुस्तान को मुक्त करना पड़ा, लेकिन जो हिंदुस्तानी साजिश में शामिल थे, उन आस्तीन के सांपों को अब कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए. दिल्ली का
पाकिस्तानी उच्चायुक्त कार्यालय इस साजिश का केंद्र था. पिछले कुछ महीनों या सालों में इन जासूसों ने हिंदुस्तान की कितनी खुफिया जानकारियां प्राप्त की और पाकिस्तानी गुप्तचर संस्था को दी है, यह पाकिस्तान ही जाने.
पाकिस्तानी उच्चायोग को जासूसी का अड्डा बताते हुए शिवसेना ने इसे भारत से हटाने की मांग की है. संपादकीय में लिखा, 'पाकिस्तान के दो-चार अधिकारियों की हकालपट्टी करने से कुछ हासिल नहीं होने वाला. पाकिस्तान के 16 अधिकारी यदि साजिश में शामिल हैं तो आईएसआई के इस पूरे अड्डे को हिंदुस्तान से हटाया जाना चाहिए.