
पुणे ज़िले के आंबेगाव तहसील में एक इलेक्ट्रॉनिक टीवी चैनल के संवाददाता को पुलिस ने कॉलर से दबोचकर, पीटते हुए पुलिस वैन में ले जाने का वाकया सामने आया है.
हुआ यूं कि रविवार की दोपहर को एक खबर के लिए जाते समय, पत्रकारों को सड़क किनारे एक लाश पड़ी दिखी, तो वे उसकी शूटिंग करने लगे. इन पत्रकारों को पुलिस उपनिरीक्षक ने घटनास्थल से तुरंत हट जाने को कहा. ऐसे में पुलिस और पत्रकारों में बहस हो गई, लेकिन बात सुलझाने की बजाय, पुलिस अधिकारी ने पत्रकारों के साथ बदसलूकी की और एक चैनल के पत्रकार की पिटाई करते और उसे घसीटते हुए गाड़ी में डालते हुए कहा कि तुम पर मर्डर का मामला दर्ज करता हूं. घटना के समय वहां और भी चैनल के पत्रकार उपस्थित थे, उन सभी के साथ भी पुलिस कर्मियों ने बदसलूकी की है.
इस घटना के बारह घंटे के बाद तक टीवी चैनल के पत्रकार को अम्बेगांव पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया था. पुलिस वालों का आरोप है कि पत्रकारों ने सरकारी काम में रुकावटें पैदा की, वही पत्रकारों का कहना है कि जब वे शूटिंग कर रहे थे, तब बिना पूछताछ किये कि वे कौन हैं, पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की हैं.
लेकिन बाद में इस मसले को सुलझा लिया गया, जब पुणे एसपी ने एक डीवाईएसपी स्तर का अधिकारी भेजकर इस मामले को रफादफा करने को कहा. टीवी रिपोर्टर के साथ दुर्व्यवहार करने वाले अधिकारी ने माफी मांग ली है और उसने बताया कि कुछ गलतफहमी की वजह से उससे ऐसा हो गया.
गौरतलब है कि इसके पहले भी पुणे पुलिस की ज्यादती की कई खबरें सामने आ चुकी हैं. यही नहीं देश के कई हिस्सों में पुलिस की ज्यादती की खबरें आती रहती हैं. कानून का दम भरने वाली पुलिस खुद को कानून से ऊपर समझती है.