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सामना में ओवैसी पर इस्लाम को बांटने का आरोप

सामना के संपादकीय में MIM विधायक वारिस पठान को विधानसभा से निलंबित करने पर ओवैसी के बयान की आलोचना की गई है. ओवैसी ने वारिस पठान के निलंबन को लोकतंत्र का अपमान बताया था.

प्रियंका झा
  • मुंबई,
  • 18 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 10:17 AM IST

शिवसेना के मुखपत्र में संपादकीय के जरिए इस बार असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा गया है. संपादकीय में असदुद्दीन के बारे में लिखा है कि वे मुस्लिम समुदाय के रक्षक बनकर राष्ट्रद्रोह की आड़ में इस्लाम को बांटने की कोशिश कर रहे हैं.

संपादकीय में MIM विधायक वारिस पठान को विधानसभा से निलंबित करने पर ओवैसी के बयान की भी आलोचना की गई है. ओवैसी ने वारिस पठान के निलंबन को लोकतंत्र का अपमान बताया था. इस मामले पर संपादकीय में ओवैसी के लिए लिखा गया है कि 'सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली'. इतना ही नहीं संपादकीय में पठान को स्थायी तौर पर निलंबित करने और चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित करने की भी बात लिखी गई है.

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हज पर सब्सिडी को बताया पैसे की बर्बादी
वारिस पठान ने कहा था कि भारत में नेताओं के स्टैच्यू बनाने पर इतने पैसे क्यों खर्च किए जाते हैं? इस बयान पर निशाना साधते हुए सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि सरकार हर साल हज पर सब्सिडी देने में इतना पैसा क्यों बेकार करती है? अगर दूसरे देशों में इस्लाम की बेइज्जती हो तो वहां के मुस्लिम प्रदर्शन करने लगते हैं लेकिन भारत में प्रदर्शन क्यों नहीं किया जाता? भारत में रह रहे मुस्लिमों के लिए समय आ गया है जब उन्हें फैसला लेना होगा कि वे ओवैसी, पठान जैसे नेता चाहते हैं या जावेद अख्तर जैसे.

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