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पवार बोले- मैं, सोनिया, देवगौड़ा PM रेस में नहीं, विपक्ष को एकजुट करने की है ताकत

2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए शरद पवार मानते हैं कि सोनिया गांधी, एचडी देवगौड़ा और वे मिलकर विपक्ष को एकजुट कर सकते हैं, क्योंकि तीनों नेताओं के अंदर पीएम बनने की महत्वाकांक्षा नहीं है.

शरद पवार और सोनिया गांधी शरद पवार और सोनिया गांधी
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 9:14 AM IST

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि मुझे, यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा को प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. 2019  के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए हम तीनों नेताओं को देश के भर के विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश करनी चाहिए.

शरद पवार ने एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में बसपा को महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन में शामिल होने के लिए न्योता दिया है. उन्होंने कहा कि मायावती साथ आती है तो हमें खुशी होगी और इसका फायदा भी होगा.

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पवार ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकता का रोडमैप बनाया है. पवार ने मौजूदा राजनीतिक स्थिति को 1977 जैसी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वैसे ही हालात हैं, जैसे इंदिरा गांधी के खिलाफ था.

उन्होंने कहा कि विपक्ष का फोकस राष्ट्रीय गठबंधन के बजाय राज्य स्तर पर गठजोड़ के लिए होना चाहिए. गठबंधन के नेतृत्व के फैसले को चुनाव के बाद किया जाना चाहिए. उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ की और कहा, 'हाल ही में वार्तालापों पर महसूस किया है कि राहुल गांधी ने काफी सुधार किया है.'

उन्होंने कहा, 'मैं ईमानदारी से महसूस करता हूं कि कुछ नेता हैं, जैसे सोनिया गांधी, एचडी देवगौड़ा और मुझे प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. लेकिन मुझे इन सभी ताकतों को एक साथ लाने और एक व्यावहारिक विकल्प प्रदान करने की महत्वाकांक्षा जरूर है. इसके लिए, हम में से कुछ नेता- जिन नामों का मैंने उल्लेख किया है - वे पूरे भारत में यात्रा कर सकते हैं और देश के लोगों को विश्वास दिला सकते हैं, क्योंकि आज कोई जेपी (जयप्रकाश नारायण) नहीं है.'

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पवार ने कहा कि सभी विपक्षी दलों को राष्ट्रीय स्तर पर लाना संभव नहीं है. ऐसे में राज्य स्तर पर ही गठबंधन के लिए हम कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस को ये भी समझना होगा कि जहां क्षेत्रीय पार्टियां मजबूत हैं तो वहां उन्हें नेतृत्व देना चाहिए. केरल, पश्चिम बंगाल और दिल्ली जैसे राज्य हैं, जहां क्रमश: लेफ्ट, टीएमसी और आम आदमी पार्टी नंबर वन हैं.

एनसीपी अध्यक्ष ने कहा कि कुछ राज्य हैं जहां विपक्ष की सभी सहयोगी दलों को एक साथ लाना जरा मुश्किल हैं. खासकर केरल और पश्चिम बंगाल में जहां लड़ाई विपक्ष में आमने-सामने की है. ऐसे में इनसे बात करना और एक साथ लाने के लिए मैंने राहुल गांधी से कहा है कि आप नेता हैं यह काम आपका है.

पवार ने कहा कि वह हाल ही में मायावती से मिले थे. उन्होंने समाजवादी पार्टी और अन्य लोगों के साथ यूपी में मजबूती के साथ गठबंधन करने की बात कही. मायावती उम्मीद करती हैं कि अन्य राज्यों में अन्य पार्टियां गठबंधन के लिए तर्कसंगत नजरिया रखें. 2019 में सत्ता परिवर्तन के लिए पूरी तरह से वो सहयोग और मेहनत के लिए तैयार हैं.

महाराष्ट्र में बसपा के साथ गठबंधन पर किए सवाल पर पवार ने कहा कि इस पर मायावती से बात नहीं हुई है, लेकिन मुझे खुशी होगी कि उनका सहयोग मिले ताकि राज्य के विदर्भ में गठबंधन के फायदा हो.

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