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Pinaka Rocket: हर 4 सेकेंड में ये रॉकेट दुश्मन पर गिराती है मौत, खौफनाक स्पीड 5757.70 किमी/घंटा

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST
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भारतीय रक्षा अनुसंघान संगठन (DRDO) और भारतीय सेना (Indian Army) ने पिछले कुछ दिनों में ओडिशा के बालासोर और राजस्थान के पोकरण में एनहैंस्ड रेंज पिनाका रॉकेट सिस्टम (Enhanced Range Pinaka System) का सफल परीक्षण किया है. टेस्टिंग के दौरान मिसाइल सिस्टम ने पूरी सटीकता के साथ परफॉर्म किया. टारगेट को तेज गति से ध्वस्त करते हुए सभी तय मानकों को पूरा किया. (फोटोः DRDO)

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इसे बनाया है नागपुर स्थित इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड (EEL) कंपनी ने. कंपनी के चेयरमैन सत्यनारायण नुवाल ने बताया कि DRDO ने अपनी टेक्नोलॉजी हमारी कंपनी से शेयर की थी. इसके बाद हमने इस रॉकेट को निजी तौर पर बनाना शुरू किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत पहली बार किसी निजी कंपनी के रॉकेट को सेना ने स्वीकार किया है. यह डीआरडीओ के गाइडेंस और भारतीय सेना के लगातार सपोर्ट की वजह से ही संभव हो पाया है. अब रूस से इन रॉकेटों को मंगाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. (फोटोः DRDO)

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पिनाका एमके-1 (एनहैंस्ड) रॉकेट सिस्टम (Pinaka Mk-1 Enhanced Rocket System) रॉकेट सिस्टम का सफल परीक्षण किया गया. नए वर्जन की उड़ान क्षमता, नेविगेशन, सटीकता और गति में बढ़ोतरी हुई है. पिनाका को लॉन्च करने से लेकर लक्ष्य भेदने तक राडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल टारगेटिंग सिस्टम और टेलीमेट्री सिस्टम आदि की निगरानी की गई. इस रॉकेट के सारे सिस्टम्स ने तय मानकों को सफलतापूर्वक पार किया और उच्चतम सटीकता से टारगेट को ध्वस्त कर दिया. इस रॉकेट का नाम भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर रखा गया है. (फोटोः DRDO)

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पिनाका रॉकेट सिस्टम 44 सेकेंड में 12 रॉकेट लॉन्च करती है. यानी करीब हर 4 सेकेंड में एक रॉकेट छूटता है. 214 कैलिबर के इस लॉन्चर से एक के बाद एक 12 पिनाका रॉकेट दागे जाते हैं. यानी दुश्मन के ठिकाने को कब्रिस्तान में बदलने के लिए ये सबसे बेहतरीन हथियार है.  रॉकेट लॉन्चर की रेंज 7 KM के नजदीकी टारगेट से लेकर 90 KM दूर बैठे दुश्मन को नेस्तानाबूत कर सकता है. (फोटोः DRDO) 

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रॉकेट लॉन्चर के तीन वैरिएंट्स हैं. MK-1 ये 45 KM,  MK-2 लॉन्चर से 90 KM और MK-3 (निर्माणाधीन) लॉन्चर से 120 KM तक हमला कर सकते हैं. इस लॉन्चर की लंबाई 16 फीट 3 इंच से लेकर 23 फीट 7 इंच तक है. इसका व्यास 8.4 इंच है. इस लॉन्चर से छोड़े जाने वाले पिनाका रॉकेट के ऊपर हाई एक्सप्लोसिव फ्रैगमेंटेशन (HMX), क्लस्टर बम, एंटी-पर्सनल, एंटी-टैंक और बारूदी सुरंग उड़ाने वाले हथियार लगाए जा सकते हैं. यह रॉकेट 100 KM तक के वजन के हथियार उठाने में सक्षम हैं. (फोटोः रॉयटर्स)

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पिनाका रॉकेट की स्पीड 5757.70 KM/Hr है. यानी एक सेकेंड में 1.61 KM की गति से हमला करता है. पिनाका रेजीमेंट को सैन्य बलों की संचालन तैयारियां बढ़ाने को चीन और पाकिस्तान की सीमा के साथ तैनात किया जाएगा. बीईएमएल ऐसे वाहनों की आपूर्ति करेगी जिस पर रॉकेट लॉन्चर को रखा जाएगा. (फोटोः DRDO)

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रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 6 पिनाका रेजीमेंट में ‘ऑटोमेटेड गन एमिंग एंड पोजिशनिंग सिस्टम’के साथ 114 लॉन्चर, 45 कमान पोस्ट भी होंगे. रॉकेट रेजीमेंट का संचालन 2024 तक शुरू करने की योजना है. करगिल युद्ध के दौरान इस रॉकेट को टट्रा ट्रक पर लोड करके ऊंचाई वाले इलाकों में भेजा गया था. वहां पर इस रॉकेट ने दुश्मन के ठिकानों की धज्जियां उड़ा दी थी. पिनाका रॉकेट एक ग्रैड रॉकेट सिस्टम का हिस्सा है. भारत में ऐसे कई ग्रैड रॉकेट्स (Grad Rockets) हैं जो कहीं भी तबाही मचा सकते हैं. (फोटोः DRDO)

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ग्रैड रॉकेट्स (Grad Rockets) का बड़ा उपयोग अभी यूक्रेन और रूस युद्ध के दौरान देखने को मिला था. उसका नाम था बीएम-21 (BM-21). भारत के पास इसका ज्यादा खतरनाक और घातक स्वदेशी वर्जन मौजूद है. इसी को पिनाका रॉकेट सिस्टम कहा जाता है. पूरी दुनिया में अब तक एक लाख बीएम-21 (BM-21) ग्रैड रॉकेट्स बनाए गए हैं. एक दर्जन देशों ने अपने वैरिएंट्स भी बना लिए हैं. एक ट्रक लॉन्चर पर 40 बैरल होते हैं. जिनमें कुछ सेकेंड्स के अंतर पर 40 बीएम-21 रॉकेट्स दागे जा सकते हैं. इसे चलाने के लिए तीन लोगों की जरूरत होती है. इसके लॉन्चर से हर सेकेंड दो रॉकेट दागे जा सकते हैं. अधिकतम फायरिंग रेट 240 रॉकेट प्रति मिनट होती है. (फोटोः रॉयटर्स)

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भारत के पास बीएम-21 (BM-21) ग्रैड रॉकेट्स का अपग्रेडेड वर्जन है. जिसे BM-21/LRAR कहते हैं. भारतीय सेना के पास ऐसे करीब 240 लॉन्चर्स हैं. यानी इसमें लगने वाले रॉकेट्स की संख्या कई गुना ज्यादा होगी. यह एक तरह का मल्टी रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है. इसका स्वदेशी वर्जन पिनाका मल्टी रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (Pinaka Multi Rocket Launcher System) भारतीय सेना के पास सर्विस में है. (फोटोः रॉयटर्स)

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भारत के पास मौजूद बीएम-21 (BM-21) ग्रैड रॉकेट्स 122 मिलीमीटर कैलिबर के हैं. यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है. सिर्फ इतना ही नहीं भारत के पास बीएम-30 स्मर्च (BM-30 Smerch) मल्टी रॉकेट लॉन्चर सिस्टम भी है. इसमें 12 बैरल होते हैं. यह रॉकेट 39.4 फीट लंबा होता है. यह 300 मिमी कैलिबर का होता है. इसकी अधिकतम रेंज 90 KM है. यह भी ट्रक पर लगाए गए लॉन्चर से दागी जाती है. भारत के पास ऐसे कुल मिलाकर 162 लॉन्चर्स हैं. 

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