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मलेशिया ने मांगी Tejas जेट की डिटेल, खरीद सकता है 18 LCA फाइटर

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 6:06 PM IST
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मलेशिया ने भारत में बने स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस (Tejas Light Combat Aircraft) को अपने फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए चुना है. दोनों देशों के बीच डील को लेकर बातचीत चल रही है. मलेशिया ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने रिक्वेस्ट फॉर इनफॉर्मेशन (RFI) मांगा था. जिसका जवाब HAL ने दे दिया है. मलेशिया 18 ट्रेनर यानी FLIT-LCA खरीदना चाहता है. (फोटोः HAL) 

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मलेशिया के अलावा तेजस एलसीए में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, अमेरिका, इंडोनेशिया और फिलिपींस भी अपनी रुचि दिखा रहे हैं. मलेशिया के फाइटर जेट प्रोग्राम के लिए प्रतियोगिता में चीन का JF-17, दक्षिण कोरिया का FA-50 और रूस की तरफ से Mig-35 और Yak-130 प्लेन शामिल थे. लेकिन तेजस ने इन सबको पिछाड़कर मलेशिया का पहली पसंद बन गया था.  यह जानकारी 5 अगस्त 2022 को लोकसभा में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने एक सवाल के जवाब में दी. (फोटोः HAL)

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एलसीए तेजस (LCA Tejas) की डील में भारत मलेशिया को MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल) का ऑफर भी दे रहा है. यानी मलेशिया में ही एक फैसिलिटी बनाई जाएगी जहां भारतीय इंजीनियर तेजस समेत रूसी सुखोई Su-30 फाइटर जेट की मरम्मत भी करेंगे. मलेशिया अभी रूस से मदद नहीं ले सकता है क्योंकि यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से रूस पर अंतरराष्ट्रीय डील करने पर प्रतिबंध लगा है. 

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इस लड़ाकू विमान को बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर आर. माधवन ने कहा कि मैं इस बात को लेकर बेहद खुश हूं और आत्मविश्वास से भरा हुआ हूं कि हम ये डील जरूर करेंगे. हमारा तेजस अपने प्रतियोगियों से कई मामलों में बेहतर है. चीन का JF-17 फाइटर जेट तेजस से सस्ता है लेकिन वह तेजस Mk-1A वैरिएंट की खासियतों के आगे कहीं नहीं टिकता. हमारा तेजस कोरिया और चीन के फाइटर जेट्स से कई गुना बेहतर, तेज, घातक और अत्याधुनिक है.

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माधवन ने बताया कि अगले साल से भारतीय वायुसेना की ताकत में और इजाफा होने वाला है. स्वदेशी मल्टीरोल कॉम्बैट फाइटर जेट तेजस मार्क-2 को बनाना शुरू किया जाएगा. इसके बाद साल 2023 में इसके हाई स्पीड ट्रायल्स होंगे. ये जानकारी दी है. साल 2025 तक HAL तेजस मार्क-2 (Tejas Mark-2) का उत्पादन शुरू कर देगा. तेजस के इस अपग्रेडेड वर्जन में ज्यादा ईंधन, ज्यादा रेंज, ज्यादा वजन उठाने की क्षमता, ज्यादा इंजन पावर और सुपीरियर नेट सेंट्रिक वॉरफेयर सिस्टम होगा. ज्यादा वजन और रेंज की वजह से यह मार्क-1ए से बेहतर होगा. (फोटोः ट्विटर/डिफेंसपीआरओपालम)

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तेजस मार्क-1ए फाइटर जेट चीन के जेएफ-17 कॉम्बैट एयरक्राफ्ट से कई मामलों में बेहतर है. लेकिन तेजस मार्क-2 अपने पहले वर्जन से ज्यादा बेहतर है. इसके आने के बाद भारतीय वायुसेना से जगुआर, मिराज 2000 और मिग-29 को हटाया जाएगा. तेजस मार्क-2 (Tejas Mark-2) की ईंधन क्षमता 3400 किलोग्राम होगी. तेजस मार्क-2 (Tejas Mark-2) की गति होगी मैक 2 यानी 3457 किलोमीटर प्रतिघंटा. इसकी रेंज 2500 किलोमीटर होगी. यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. इसमें 23 मिलीमीटर की GSH-23 गन होगी. साथ ही इसमें हवा से हवा में मार करने वाली सात मिसाइलें, हवा से जमीन पर मार करने वाली चार मिसाइलें, एक एंटी रेडिएशन मिसाइल, पांच बम लगाए जा सकते हैं.

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अच्छी बात ये है कि तेजस मार्क-2 (Tejas Mark-2) ब्रह्मोस-एनजी मिसाइल भी लगाई जा सकती है. इसके अलावा निर्भय, स्टॉर्म शैडो, अस्त्र, मीटियोर, असराम और क्रिस्टल मेज जैसी मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. इस विमान की ताकत प्रीसिशन गाइडेड बम, लेजर गाइडेड बम, क्लस्टर बम, अनगाइडेड बम और स्वार्म बम लगाए जा सकते हैं. तेजस मार्क-2 (Tejas Mark-2) की गति और इसमें लगने वाले हथियार इसकी ताकत बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं. ये एक सेकेंड में करीब एक किलोमीटर की गति से उड़ता है. इस गति से जब तेजस मार्क-2 दुश्मन पर हमला करेगा तो उसके बचने का कोई मौका नहीं बचेगा. (फोटोः ट्विटर/डिफेंसपीआरओपालम)

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