लोकसभा चुनाव के बाद अब इसी साल कई राज्यों में चुनाव होने हैं. इस बीच आजतक ने देश की जनता का मूड भांपने के लिए सी-वोटर के साथ मिलकर 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे किया. इस दौरान पूछा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रदर्शन कैसा है? इस पर 34 फीसदी लोगों का मानना है अच्छा, 15 फीसदी लोग कह रहे हैं कि पीएम मोदी का प्रदर्शन औसत है, जबकि 10 फीसदी लोग खराब और 13 फीसदी लोगों का कहना है कि पीएम मोदी का प्रदर्शन बहुत खराब है.
ये सर्वे 15 जुलाई से 10 अगस्त 2024 के बीच किया गया और इसमें देशभर के 543 लोकसभा क्षेत्रों से 1 लाख 36 हजार 463 लोगों ने हिस्सा लिया. इसके जरिए ये पता लगाने की कोशिश की गई कि अगर आज देश में लोकसभा चुनाव हों तो किसकी सरकार बनेगी. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड जैसे चुनावी राज्यों के प्रमुख मुद्दे और वर्तमान सरकार के कामकाज को लेकर भी लोगों की राय जानने की कोशिश की गई.
MOTN में पूछा गया कि अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो किस गठबंधन को कितनी सीटें मिलेंगी. इसके जवाब में लोगों का मानना है कि एनडीए को 299 सीटें, INDIA ब्लॉक को 233 सीटें, जबकि अन्य के खाते में 11 सीटें जा सकती हैं.
4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों की बात करें तो NDA के खाते में 293 सीटें थीं. वहीं INDIA ब्लॉक के खाते में 234 सीटें आई थीं. अब MOTN के सर्वे में एनडीए की 6 सीटें बढ़ती दिख रही हैं तो इंडिया ब्लॉक की एक सीट घटती दिख रही है.
अगर आज आम चुनाव हुए तो बीजेपी को 244 सीटें, कांग्रेस को 106 सीटों और अन्य को 193 सीटें मिलने का अनुमान है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 240 सीटें मिली थीं, तो कांग्रेस को 99 सीटें मिली थीं (हालांकि राहुल गांधी 2 सीटों से जीते थे, बाद में उन्होंने वायनाड की सीट छोड़ दी थी).
आजतक के 'मूड ऑफ द नेशन' के सर्वे में देश की सबसे बड़ी समस्या के बारे में पता किया गया तो सामने आया कि 28 फीसदी लोग बेरोजगार की, 19 फीसदी लोग महंगाई को, 6 फीसदी लोग गरीबी को, 6 फीसदी लोग कृषि संकट को, 5 फीसदी लोग बिजली-पानी-सड़क को सबसे बड़ी समस्या मानते हैं.
हरियाणा में 1 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, इसे देखते हुए सर्वे में मुख्यमंत्री के प्रदर्शन से जुड़ा सवाल पूछा गया तो 22 फीसदी लोग ही सीएम सैनी के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं, जबकि 40 फीसदी लोग मुख्यमंत्री के काम से संतुष्ट नहीं है. 19 फीसदी लोग ऐसे हैं जो सीएम के काम से कुछ हद तक संतुष्ट हैं.
इस सर्वे के मुताबिक हरियाणा के 27 फीसदी लोगों का कहना है कि वह सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 44 फीसदी लोगों का कहना है कि वह सरकार के काम से असंतुष्ट हैं, साथ ही 25 फीसदी लोग कुछ हद तक सरकार के कामकाज से खुश हैं.
सर्वे के दौरान जनता से हरियाणा के सबसे बड़े मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो 45 फीसदी लोगों ने कहा कि सूबे में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है, जबकि सिर्फ 3 फीसदी लोगों ने कहा कि करप्शन बड़ा मुद्दा है, जबकि 14 फीसदी लोगों का कहना है कि महंगाई बड़ा मुद्दा है. हालांकि 13 फीसदी लोग विकास को, 3 फीसदी लोग कानून व्यवस्था को, 2 फीसदी लोग किसानों से जुड़े मुद्दे को बड़ा मानते हैं.
झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर इस साल के आखिरी में चुनाव होंगे. हालांकि अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. इससे पहले 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे में राज्य में 25 फीसदी लोगों ने माना कि वह सीएम हेमंत सोरेन के कामकाज से संतुष्ट हैं. 35 फीसदी असंतुष्ट और 30 फीसदी कुछ हद तक संतुष्ट हैं.
27 फीसदी लोग झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं. वहीं 37 फीसदी असंतुष्ट और 34 फीसदी जनता कुछ हद तक संतुष्ट है.
झारखंड के लोगों के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. 44 फीसदी जनता बेरोजगारी, 15 फीसदी महंगाई, 14 फीसदी विकास, 3 फीसदी भ्रष्टाचार और दो-दो फीसदी लोग कानून व्यवस्था और किसानों को मुद्दा मानते हैं.
मुख्यमंत्री में सीएम एकनाथ शिंदे के कामकाज से 35% लोग संतुष्ट हैं, जबकि 31% लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं. हालांकि, 28% लोग उनके कामकाज से असंतुष्ट हैं. यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री का प्रदर्शन कुछ हद तक लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतर रहा है, लेकिन सुधार की गुंजाइश अभी भी बाकी है.
MOTN सर्वे के अनुसार महाराष्ट्र में 25% लोग राज्य सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं, जबकि 34% लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं. लेकिन करीब 34% जनता सरकार के काम पर असंतोष भी व्यक्त कर रही है. यह डेटा बताता है कि सरकार के प्रदर्शन को लेकर जनता में मिली-जुली राच है.
इस सर्वे में यह भी पता चला कि महाराष्ट्र के लोगों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है, जिसे 32% लोगों ने प्राथमिकता दी है. इसके बाद विकास और महंगाई दोनों ही 15% लोगों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दे हैं. किसानों से जुड़े मुद्दों को 13% लोगों ने प्राथमिकता दी है, जबकि कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर क्रमशः 2% और 4% लोगों ने ध्यान दिया है. इससे यह स्पष्ट होता है कि रोजगार की कमी राज्य के लोगों के लिए सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है.
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे. 18 और 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. जबकि 4 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. 10 साल बाद यहां विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जनता का मूड भांपने के लिए आजतक ने 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे किया. 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के 47 फीसदी लोगों का कहना है कि बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है.