कोयंबटूर में पीएम मोदी के खिलाफ काले झंडे दिखाकर विरोध करने के लिए 10 महिलाओं सहित 60 लोगों को हिरासत में लिया गया. प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के खिलाफ नारे लगाए थे और काले झंडे दिखाए थे जिसमें लिखा था कि मोदी वापस जाओ.
प्रदर्शनकारी मुख्य रूप से थंडई पेरियार द्रविड़ कड़गम से संबंधित थे. वे संयुक्त राष्ट्र में श्रीलंका में तमिलों पर हुए अपराधों पर संयुक्त राष्ट्र की चर्चा में श्रीलंका सरकार के खिलाफ मतदान नहीं करने के लिए भारत सरकार के प्रति अपना गुस्सा दिखा रहे थे.
प्रदर्शनकारियों के पास तख्तियां थीं जिनपर लिखा था कि तमिल के खिलाफ मोदी. उनमें पीएम मोदी और श्रीलंका के पीएम महिन्द राजपक्ष की तस्वीरें थीं.
प्रदर्शनकारियों ने एक रोड पर लोगों को रोकने की कोशिश भी की लेकिन पुलिस अधिकारियों द्वारा उन्हें घसीटा गया.
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ब्रिटेन, जर्मनी सहित 22 देशों ने तमिलों का समर्थन किया था और युद्ध अपराधों के लिए श्रीलंका को जिम्मेदार ठहराया था लेकिन भारत सरकार ने वोट नहीं दिया और बाहर चली गई. यह श्रीलंका के लिए एक तरह से समर्थन था और यह श्रीलंकाई तमिल और भारत के तमिलनाडु के तमिलों के साथ एक बड़ा धोखा है. श्रीलंका में कितने ही हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया गया और गृह युद्ध के दौरान हिंदुओं को श्रीलंका में मार दिया गया. यह तमिलों के हित के खिलाफ भाजपा सरकार का एक कृत्य है. हम मांग करते हैं कि मोदी यहां के लोगों के साथ किए गए विश्वासघात के लिए वापस तमिलनाडु न आएं.