भारतीय वायु सेना (IAF) की एक टुकड़ी फ्रांस में इस समय नाटो देशों के साथ युद्धाभ्यास कर रही है. भारतीय वायु सेना के अलावा वहां पर नाटो देशों में शामिल जर्मनी, ग्रीस, इटली, नीदरलैंड्स, ब्रिटेन, स्पेन और अमेरिका की वायुसेना भी भाग ले रही है. युद्धाभ्यास फ्रांस के मॉन्ट-डे-मार्सन में फ्रेंच एयर एंड स्पेस फोर्स (FASF) के बेस स्टेशन में हो रहा है. (सभी फोटोः IAF/FASF/Exercise Orion)
युद्धाभ्यास का नाम एक्सरसाइज ओरियन (Exercise Orion) है. यह 17 अप्रैल से शुरु हुआ है. 05 मई 2023 तक चलेगा. इस अभ्यास में IAF के चार राफेल फाइटर जेट, दो सी-17 ग्लोबमास्टर III हैवी लिफ्ट एयरक्राफ्ट और दो ll-78 विमान तथा 165 वायु सैनिक शामिल हुआ है. भारतीय वायुसेना में शामिल राफेल जेट्स के लिए यह पहला विदेशी अभ्यास होगा.
इस अभ्यास के दौरान होने वाली भागीदारी अन्य देशों की वायु सेनाओं से सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को सीखने के लिए है. ताकि भारतीय वायु सेना की कार्यशैली तथा धारणा और समृद्ध हो सके. ऊपर जिन देशों के नाम लिखे गए हैं, उनमें भारत को छोड़कर सभी नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) के सदस्य हैं.
इस साल चार युद्धाभ्यास कर चुकी है वायुसेना... भारतीय वायुसेना ने इस साल अब तक चार विदेशी युद्धाभ्यासों में भाग लिया है. संयुक्त अरब अमीरात में एक्सरसाइज डेजर्ट फ्लैग, ब्रिटेन के साथ एक्सरसाइज कोबरा वॉरियर, जापान के साथ दो युद्धाभ्यास किए हैं. पहला एक्सरसाइज वीर गार्डियन और दूसरा एक्सरसाइज शिन्यू मैत्री. अब ये जानते हैं कि भारतीय वायुसेना के जो विमान युद्धाभ्यास में गए हैं. उनकी ताकत क्या है? क्यों चुना गया उन्हें फ्रांस भेजने के लिए?
IAF के राफेल फाइटर जेट पहली बार विदेशी धरती पर युद्धाभ्यास में भाग ले रहे हैं. IAF में 36 राफेल फाइटर जेट्स हैं. इसे एक या दो पायलट उड़ाते हैं. यह 50.1 फीट लंबी, विंगस्पैन 35.9 फीट और ऊंचाई 17.6 फीट है. इसकी अधिकतम गति 1912 KM/घंटा है. लेकिन कॉम्बैट रेंज 1850 किमी है. ऑपरेशनल रेंज 3700 KM है.
यह अधिकतम 51,952 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. यह एक सेकेंड में 305 मीटर की सीधी उड़ान भरने में सक्षम है. इसमें 30 मिमी की ऑटोकैनन लगी है, जो 125 राउंड प्रति मिनट दागती है. इसके अलावा इसमें 14 हार्डप्वाइंट्स हैं. इसमें एयर-टू-एयर, एयर-टू-ग्राउंड, एयर-टू-सरफेस, न्यूक्लियर डेटरेंस मिसाइलें लगा सकते हैं. इसके अलावा कई अन्य तरह के बमों को भी तैनात किया जा सकता है.
दुनिया का बड़ा मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान है C-17 Globemaster III. भारतीय वायुसेना ने ऐसे दो विमान फ्रांस भेजे हैं. इस भारी-भरकर विमान को 2 लोग मिलकर उड़ाते हैं. जिसमें दो पायलट और एक लोडमास्टर होता है. यह एक बार में 77,519 किलोग्राम वजन लेकर उड़ान भर सकता है. या फिर 134 पैराट्रूपर्स या एक टैंक या दो बख्तरबंद ढो सकता है.
174 फीट लंबे इस विमान की ऊंचाई 55.1 फीट है. यानी पांच मंजिला इमारत के बराबर. यह अधिकतम 520 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ता है. एक बार में 4480 किलोमीटर तक जा सकता है. आसमान में अधिकतम 45 हजार फीट की ऊंचाई तक जाता है. इस पर किसी तरह के हथियार नहीं होते. यह सिर्फ परिवहन करता है.
भारतीय वायुसेना ने फ्रांस के युद्धाभ्यास के लिए दो ऐसे विमान भेजे हैं. जो हवा में ही रीफ्यूलिंग कर देते हैं. ये हवा उड़ते हुए पेट्रोल पंप की तरह हैं. इनका नाम है इल्यूशिन II-78. इस विमान को उड़ाने के लिए 6 लोग लगते हैं. यह अपने अंदर 1 लाख किलोग्राम मिलिट्री जेट फ्यूल भर सकता है.
152.10 फीट लंबे विमान की ऊंचाई 48.5 फीट होती है. यह अधिकतम 850 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ता है. एक बार में 7300 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. अधिकतम 39 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है.