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India vs China Aircraft Carrier: चीन के एयरक्राफ्ट करियर से कितना ताकतवर है भारतीय नौसेना का नया IAC Vikrant

IAC Vikrant: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितंबर 2022 को भारतीय नौसेना को उसका पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत विक्रांत सौपेंगे. समुद्री इलाके में सबसे बड़ा खतरा चीन से हैं. आइए जानते हैं कि चीन के विमानवाहक युद्धपोतों से भारतीय नौसेना का यह करियर कितना ताकतवर है. कितना दमदार है.

IAC Vikrant Vs China's Aircraft Carrier: चीन के विमानवाहक पोत बड़े जरूर हैं, लेकिन विक्रांत के हथियार कमजोर नहीं. (फोटोः Indian Navy)-16:9 IAC Vikrant Vs China's Aircraft Carrier: चीन के विमानवाहक पोत बड़े जरूर हैं, लेकिन विक्रांत के हथियार कमजोर नहीं. (फोटोः Indian Navy)-16:9
ऋचीक मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST

भारतीय नौसेना (Indian Navy) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 सितंबर 2022 को नया स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत IAC Vikrant सौंपने वाले हैं. ये बात सही है कि चीन की नौसेना दुनिया की दूसरी और भारत सातवीं सबसे ताकतवर नौसेना है. लेकिन कोई भी युद्ध सिर्फ हथियारों, यंत्रों और सैनिकों के बल पर नहीं जीता जाता. उसके लिए चाहिए होती है सही रणनीति, तैनाती और हौसला. जिसमें भारतीय नौसैनिकों का कोई जवाब नहीं. पाकिस्तान इसका स्वाद 1971 के जंग में चख चुका है. 

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IAC विक्रांत के साथ-साथ आईएनएस विक्रमादित्य भी दुनिया के दस ताकतवर विमानवाहक पोतों में शामिल हैं. (फोटोः Indian Navy)

ताकतवर सेनाएं युद्ध के लिए नहीं बल्कि शांति बनाने के लिए होती हैं. भारत की नौसेना (Indian Navy) भी शांति बनाने में भरोसा करती है. लेकिन पड़ोसी मुल्कों को बेवजह दिक्कतें पैदा करने की आदत है. भारत के पास दो विमानवाहक युद्धपोत हैं. पहला आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) और दूसरा है IAC Vikrant. दोनों दुनिया के 10 ताकतवर, आधुनिक और घातक एयरक्राफ्ट करियर की सूची में शामिल हैं. 

पहले जानिए... IAC Vikrant की ताकत और क्षमता

आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) को कोचीन शिपयार्ड में बनाया गया है. इसका डिस्प्लेसमेंट 45 हजार टन है. यह अपने ऊपर 30 से 35 विमान लेकर चल सकता है. IAC Vikrant की लंबाई 860 फीट, बीम 203 फीट, गहराई 84 फीट और चौड़ाई 203 फीट है. इसका कुल क्षेत्रफल 2.5 एकड़ का है. इसकी अधिकतम गति 52 KM प्रतिघंटा है. इस पर बराक मिसाइलें लगी हैं. ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों के लिए इंटीग्रेशन का काम शुरू हो सकता है. ताकि भविष्य में इस पोत से लंबी दूरी की मिसाइलों को दागने की क्षमता विकसित की जा सके. 

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IAC Vikrant पर एकसाथ 30 फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर्स तैनात हो सकते हैं. (फोटोः PIB) 

IAC विक्रांत में जनरल इलेक्ट्रिक टरबाइन लगे हैं, जो इस विशालकाय जहाज को 1.10 लाख हॉर्सपावर की ताकत देते हैं. इस विमानवाहक पोत की स्ट्राइक रेंज 1500 किलोमीटर है. लेकिन इसकी सेलिंग रेंज 15 हजार KM है.  इसे एयरक्राफ्ट करियर को बनाने में 76 फीसदी स्वदेशी सामग्रियों का उपयोग किया गया है. इस पर 76 mm की 4 ओटोब्रेडा ड्यूल पर्पज कैनन लगे हैं. जो दुश्मन के विमानों, मिसाइलों और जंगी जहाजों पर छलनी करने की मारक क्षमता रखते हैं. इसके अलावा 4 AK 630 प्वाइंट डिफेंस सिस्टम गन लगी है. 

इस पर कामोव, एएएलएच ध्रुव और रोमियो हेलिकॉप्टर की तैनाती होगी. (फोटोः Indian Navy)

IAC Vikrant पर MiG-29K फाइटर जेट्स, अमेरिकी MH-60R मल्टीरोल नेवल हेलिकॉप्टर, भारतीय ALH Dhruv और कामोव केए-31 AEW हेलिकॉप्टर तैनात होंगे. एमएच-60आर को रोमियो हेलिकॉप्टर भी बुलाया जाता है. भविष्य में इस पर दुनिया के बेस्ट नौसैनिक फाइटर जेट्स की तैनाती भी की जा सकती है. जिसके लिए फिलहाल राफेल, सुपर हॉर्नेट समेत कई फाइटर जेट्स में जंग चल रही है. 

अब जानते हैं चीन के एयरक्राफ्ट करियर्स के बारे में... 

शैनडोंग विमानवाहक युद्धपोत (Shandong Aircraft Carrier): चीन का स्वदेशी विमानवाहक पोत जो शॉर्ट टेकऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी सिस्टम (STOBAR) पर काम करता है. 305 मीटर लंबे इस पोत की बीम 75 मीटर है. डिस्प्लेसमेंट 70 हजार टन है. इस पर अधिकतम 44 लड़ाकू विमान तैनात हो सकते हैं. कहते हैं कि इस पर दुनिया के सबसे घातक हथियार लगाए गए हैं, लेकिन उनके बारे में चीन ने ज्यादा जानकारी शेयर नहीं की है. 

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चीन का टाइप 001 विमानवाहक पोत लियाओनिंग दुनिया के बड़े युद्धपोतों में शामिल हैं. (फोटोः AFP)

लियाओनिंग विमानवाहक युद्धपोत (Liaoning Aircraft Carrier): चीन का सबसे पुराना और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरक्राफ्टर करियर है ये पोत. सोवियत काल के समय का इसका डिजाइन है. लेकिन बाद में चीन ने इसे अपने हिसाब से अपग्रेड किया. 304.5 मीटर लंबे इस पोत की बीम 75 मीटर है. इसका डिस्प्लेसमेंट 58 हजार टन है. इसके ऊपर 50 एयरक्राफ्ट और हेलिकॉप्टर्स तैनात रहते हैं. 

चीन की नौसेना का सबसे ताकतवर युद्धपोत शैनडोंग को माना जाता है. लेकिन इसके बारे में ज्यादा खुलासा नहीं किया गया है. 

फुजियान विमानवाहक पोत (Fujian Aircraft Carrier): फुजियान एयरक्राफ्ट करियार चीन का टाइप 003 पोत है. यह करीब 315 मीटर लंबा है. इसके अलावा डिस्प्लेसमेंट 80 हजार टन होगा. यह लियाओनिंग और शैनडोंग से थोड़ा बड़ा होगा. चीन के तीनों एयरक्राफ्ट करियर्स में परमाणु इंजन नहीं लगे हैं. ये पारंपरिक डीजल गैस टरबाइन इंजन ही हैं. फुजियान में चीन ने कैटापॉल्ट एसिस्टेड टेक ऑफ अरेस्टेड रिकवरी (CATOBAR) का उपयोग किया है. इसका उपयोग आमतौर पर अमेरिकी युद्धपोतों पर किया जाता है. फुजियान पर 36 से ज्यादा विमान तैनात हो सकते हैं. 

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