
मणिपुर में 3 मई को कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा शुरू हुई थी. इन दो समुदायों की हिंसा ने पूरे राज्य में अस्थिरता पैदा कर दी थी. मसलन, संघर्ष का आलम कुछ ऐसा था कि इसमें कई लोगों की जान गई, हजारों लोग घायल हुए. कई घर फूंके गए. इस हिंसा की चपेट में सीएम और केंद्रीय मंत्री के घर तक आए. लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मणिपुर में जल्द ही पूर्ण शांति लौटने की उम्मीद जताते हुए कहा कि राज्य में लगभग 90 प्रतिशत शांति स्थापित हो चुकी है.
सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि शांति को पटरी से उतारने की लगातार कोशिश की गई, लेकिन अब हालात सुधर रहे हैं. राज्य सुरक्षा बलों को कथित तौर पर सीमावर्ती शहर मोरेह में एंट्री करने से रोके जाने के बाद वर्तमान स्थिति पर एक सवाल का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि सुरक्षाबल पहले ही प्रवेश कर चुके हैं. पहले से ही इंडिया रिजर्व बटालियन (आईआरबी) कंपनियां वहां मौजूद हैं, सभी सुरक्षाकर्मी वहां पहुंच चुके हैं. वे अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, कमांडो भी वहां हैं.
सीएम ने कहा कि कुछ तत्व ऐसे हैं जो शांति बहाल नहीं करना चाहते हैं, लेकिन आम तौर पर लगभग 90% शांति आ गई है और मुझे लगता है कि जनता के समर्थन से जल्द ही शांति बहाल हो जाएगी. बीरेन ने उन मांगों पर भी प्रतिक्रिया जी, जिनमें मांग की गई है कि सरकार को विस्थापित लोगों के लिए सरकार योजनाओं के माध्यम से नई आजीविका शुरू करने की व्यवस्था करनी चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार टूटे हुए पक्के घरों के लिए 10 लाख रुपये और टूटे हुए कच्चे घरों के लिए 5 लाख रुपये देगी. लेकिन स्टार्टअप को लेकर सीएम सहायता योजना के तहत एक परिवार, एक आजीविका जैसी कई योजनाएं हैं. प्रत्येक संकटग्रस्त परिवार को एक परिवार, एक आजीविका के तहत कवर किया जाएगा, जिसे 10 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है, तो वह निश्चित रूप से सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि जल्द ही महिला पुलिस बटालियन की स्थापना की जाएगी और पुलिस कर्मियों के लिए राशन मनी भत्ता रुपये बढ़ाया जाएगा. सीएम बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य पुलिस से लूटे गए कुछ हथियार और गोला-बारूद वापस कर दिए गए हैं. पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों की संयुक्त टीमों द्वारा चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान इन्हें बरामद किया गया है. उन्होंने कहा कि कई लोगों ने पुलिस और सुरक्षा बलों पर भरोसा जताते हुए स्वेच्छा से हथियार वापस कर दिए हैं और उन लोगों से अपील की है कि जिनके पास अवैध हथियार हैं, वे उन्हें राज्य सरकार को वापस कर दें. उन्होंने कहा कि स्वेच्छा से अपने अवैध हथियार सरेंडर करने वालों के खिलाफ कोई मामला या एफआईआर नहीं की जाएगी.