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Ola Scooty Scam: 4 राज्य, 20 आरोपी और ऑनलाइन पेमेंट का जाल... ऐसे 1000 लोगों को लगा दिया चूना

आरोपियों ने ओला की तरह दिखने वाली एक वेबसाइट बना रखी थी. स्कूटी की ऑनलाइन बुकिंग के लिए जो लोग वेबसाइट पर विजिट करते थे तो पहले तो उनसे ऑनलाइन मोड से 499 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा जाता था. इसके बाद उनसे ट्रांसपोर्ट रजिस्ट्रेशन, बीमा और अन्य शुल्क के नाम पर पैसा जमा करने के लिए कहा जाता था.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:34 AM IST

बढ़ती पेट्रोल की कीमतों से तंग आकर लोग इलेक्ट्रिक वाहन की ओर शिफ्ट हो रहे हैं. इसी जरूरत को देखते हुए ओला कंपनी ने  हाल ही में इलेक्ट्रिक स्कूटी लॉन्च की थी. इस इलेक्ट्रिक स्कूटी को खरीदने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करनी पड़ती है. मार्केट में कंपनी की स्कूटी को लेकर अच्छा खासा रिस्पॉन्स भी देखने को मिल रहा है. लेकिन साइबर ठगों ने इसी रिस्पॉन्स और उत्साह को ऑनलाइन ठगी का नया पैंतरा बनाया. 1000 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी हुई. पुलिस ने अब तक इस मामले में 4 राज्यों से 20 लोगों को गिरफ्तार किया है. आईए जानते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है? 

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दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने हाल ही में बेंगलुरु, गुरुग्राम, पटना समेत चार शहरों में छापेमारी की थी. पुलिस ने गैंग के करीब 20 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने ओला स्कूटी की ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर 1000 लोगों के साथ करोड़ों रुपए की ठगी की. गिरफ्तार लोगों में से 2 कर्नाटक, 4 तेलंगाना, 3 झारखंड और 11 बिहार के हैं. 

कहां से शुरू हुआ पूरा खेल? 

पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपियों ने ओला की तरह दिखने वाली एक वेबसाइट https://www.electricalscooty.com/contact.php बना रखी थी. कई तरीकों से इस वेबसाइट की लिंक लोगों तक पहुंचाई जाती थी, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को ठगा जा सके. आउटर नॉर्थ के डीसीपी देवेश महला ने बताया कि ऑनलाइन बुकिंग के लिए जो लोग वेबसाइट पर विजिट करते थे तो पहले तो उनसे ऑनलाइन मोड से 499 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा जाता था. इसके बाद उनसे ट्रांसपोर्ट रजिस्ट्रेशन, बीमा और अन्य शुल्क के नाम पर पैसा जमा करने के लिए मैसेज करके कहा जाता था. जब पीड़ितों द्वारा भुगतान हो जाता था, तो पैसे मिलने के बाद ये डिलीवरी का समय बढ़ाकर लोगों को गुमराह करते थे. आरोपियों ने इसी तरह से देशभर में 1000 लोगों को अपना शिकार बनाया था. 

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कैसे खुला राज?

कंझावला के रहने वाले गोपाल सिंह ने शिकायत की थी कि ओला इलेक्ट्रिक की बुकिंग के नाम पर उसके साथ 30998 रुपये की धोखाधड़ी हुई है. साइबर सेल की टीम ने जांच शुरू की तो टेक्निकल सर्विलांस के जरिए उन्हें आरोपियों की लोकेशन बेंगलुरु में मिली. इसके बाद सीडीआर, बैंक अकाउंट डिटेल और केवाईसी के जरिए सुराग जुटाया गया. 
 
पुलिस ने बेंगलुरु पहुंचकर ब डिजाइनर टीवी वैंकटखाला को अरेस्ट किया. वह मैसूर में बीई का छात्र है. पुलिस को उसके पास से 2 लैपटॉप, एक स्मार्ट फोन और दो हार्ड डिस्क बरामद हुआ. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने एक और आरोपी नागेश को भी पकड़ लिया. नागेश ने ही ओला स्कूटी वेबसाइट की तरह दिखने वाली वेबसाइट को डिजाइन किया था. वह खुद वेबसाइट मैनेज करता था और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रमोशन ऐड करता था. नागेश ने ग्राफिक्स और वेब डिजाइनिंग में डिप्लोमा किया है.

मुख्य आरोपी भी गिरफ्तार 

पुलिस ने इसके बाद सरगना और गैंग के दूसरे लोगों को गिरफ्तार करने की योजना बनाई. पुलिस ने आरोपी नागेश से मुख्य आरोपी को कॉल कराया कि वह किसी काम के लिए दिल्ली आया हुआ है. इसके बाद उसने नागेश को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल के पास मिलने के लिए बुलाया. पुलिस की टीम बताए ठिकाने पर पहुंची और दो अरोपियों को धर दबोचा. इन दोनों ही पहचान बिहार के राकेश कुमार और सुशांत कुमार के रूप में हुई. जानकारी के पता चला कि सुशांत खुद को कुलदीप सिंह बताकर अकाउंट का इस्तेमाल करता था. सीडीआर रिकॉर्ड के अनुसार, वह और उसके सहयोगी अपने गांव पांची बिहार से काम करते पाए गए. इनकी निशानदेही पर बिहार से दो सगे भाई अमन उर्फ रॉकी और अनेश उर्फ गोलू को पकड़ा गया. इसके अलावा 14 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया.

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पुलिस ने आरोपियों के पास से 38 मोबाइल फोन, 25 कीपैड फोन, 7 लैपटॉप, 2 हार्ड डिस्क, 2 स्मार्ट वॉच, एक डोंगल, 114 सिम कार्ड बरामद किए. इसके अलावा पुलिस ने फ्रॉड के लिए इस्तेमाल हो 25 बैंक खाते और 4 वॉलेट को फ्रीज कर दिया है. 

 

 

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