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President in Sukhoi: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज भरेंगी सुखोई में उड़ान, कलाम-पाटील-कोविंद ने भी किया था ये काम

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटील और रामनाथ कोविंद के बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट में उड़ान भरने जा रही हैं. राष्ट्रपति Sukhoi Su-30MKI फाइटर जेट में बतौर को-पायलट उड़ान भरेंगी. फाइटर जेट तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से टेकऑफ करेगा.

8 अप्रैल 2023 को तेजपुर एयरफोर्स बेस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वायुसेना के सुखोई सू-30 एमकेआई में भरेंगी उड़ान. 8 अप्रैल 2023 को तेजपुर एयरफोर्स बेस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वायुसेना के सुखोई सू-30 एमकेआई में भरेंगी उड़ान.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 12:02 AM IST

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 8 अप्रैल 2023 को तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन से सुखोई सू-30एमकेआई फाइटर जेट में सॉर्टी करेंगी. यानी उड़ान भरेंगी. तीनों सेनाओं की सुप्रीम कमांडर होने के नाते उन्हें सेना की ताकतों, हथियारों और नीतियों से अवगत कराया जाता है. राष्ट्रपति मुर्मू से पहले पूर्व राष्ट्रपति और भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटील और रामनाथ कोविंद वायुसेना के फाइटर जेट्स में उड़ान भर चुके हैं. 

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू असम के दौरे पर हैं. इसी समय भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश को लेकर तल्खी चल रही है. ऐसे में राष्ट्रपति का सुखोई लड़ाकू विमान में उड़ान भरना भारत की तरफ से एक ताकतवर संदेश देगा. तेजपुर एयरफोर्स बेस भारत की चार देशों से सुरक्षा करता है. चीन, म्यांमार, बांग्लादेश और भूटान. 

सुखोई सू-30एमकेआई फाइटर जेट में उड़ान से पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम. (फोटोः AFP)

इससे पहले कलाम साहब, प्रतिभा पाटील और रामनाथ कोविंद ने इसी फाइटर जेट में उड़ान भरी थी. लेकिन उनके एयरफोर्स स्टेशन पुणे थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पूर्वी एयर कमांड एयर मार्शल एसपी धरकर रिसीव करेंगे. असम के गवर्नर गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी इस मौके पर मौजूद रहेंगे. जिस फाइटर जेट में राष्ट्रपति उड़ान भरने जा रही हैं, जानिए उसकी खासियत... 

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जबरदस्त स्पीड और घातक हमले के लिए जाना जाता है सुखोई

Sukhoi Su-30MKI की लंबाई 72 फीट, विंगस्पैन 48.3 फीट और ऊंचाई 20.10 फीट है. इसका वजन 18,400 KG है. सुखोई में लीयुल्का एल-31एफपी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगे हैं, जो उसे 123 किलोन्यूटन की ताकत देता है. यह 2120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ता है. इसकी कॉम्बैट रेंज 3000 किलोमीटर है. बीच रास्ते में ईंधन मिल जाए तो यह 8000 किलोमीटर तक जा सकता है. 

कई तरह के हथियारों को लगाने की व्यवस्था है Su-30MKI में

सुखोई-सू30एमकेआई अधिकतम 57 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. सुखोई एक मिनट में 59 हजार फीट तक जा सकता है. सुखोई-30एमकेआई में 30mm की एक ग्रिजेव-शिपुनोव ऑटोकैनन लगी है. जो एक मिनट में 150 राउंड फायर करती है. यानी दुश्मन का विमान, ड्रोन या हेलिकॉप्टर बच नहीं सकते. इसमें 12 हार्ड प्वाइंट्स लगे हैं. यानी वो जगह जहां पर हथियार लगाया जाता है. इसमें 4 तरह के रॉकेट्स लगा सकते हैं. चार तरह की मिसाइल और 10 तरह के बम लग सकते हैं. या फिर इन सबका मिश्रण लगाया जा सकता है. 

सुखोई में लगने वाली ब्रह्मोस मिसाइल बनाती है इसे घातक

Sukhoi Su-30MKI के हार्डप्वाइंट्स में हथियारों को दागने की सुविधा ज्यादा है. अगर मल्टीपल रैक्स लगाए जाएं तो इसमें 14 हथियार लगा सकते हैं. यह कुल 8130 KG वजन का हथियार उठा सकता है. इस फाइटर जेट में ब्रह्मोस मिसाइलें भी तैनात हो सकती हैं. चीन भी जानता है कि ब्रह्मोस मिसाइल कितनी घातक और तेज है. अगर भारत ने ब्रह्मोस से हमला किया तो चीन को बचाव का मौका भी नहीं मिलेगा. 

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