Advertisement

मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, मोरेह में हेलीपैड का निरीक्षण करने गए SDPO की हत्या

मणिपुर के मोरेह में एसडीपीओ चिंगथम आनंद की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उन्हें उस वक्त उग्रवादियों ने गोली मार दी जब वो इलाके में बने नए हैलीपैड का निरीक्षण करने पहुंचे थे. 3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 180 से अधिक लोगों की अब तक मौत हो चुकी है.

यह सांकेतिक तस्वीर है यह सांकेतिक तस्वीर है
aajtak.in
  • इंफाल,
  • 31 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST

मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब तेंगनौपाल जिले के मोरेह में संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा एक पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मणिपुर पुलिस ने इसकी जानकारी दी है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोरेह के एसडीपीओ चिंगथम आनंद उस समय गोली लगने से घायल हो गए जब उग्रवादियों के एक समूह ने पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया. पुलिस अधिकारी  कुकी समुदाय के प्रभुत्व वाले सीमावर्ती शहर में नवनिर्मित हेलीपैड का निरीक्षण कर रहे थे.

Advertisement

अधिकारी ने कहा, 'एसडीपीओ को गोली लगने के बाद मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. उन्होंने बताया कि आतंकवादियों को पकड़ने के लिए इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया गया है.'

यह घटना कई नागरिक और समाजिक संगठनों द्वारा सीमावर्ती शहर मोरेह से सुरक्षा बलों को हटाने की मांग के कुछ सप्ताह बाद हुई है. मणिपुर पुलिस ने पिछले कुछ दिनों में मैती समुदाय के छोड़े गए घर से फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान चुराने और अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में 10 से अधिक म्यांमार के नागरिकों को गिरफ्तार किया था.

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मई में राज्य में हिंसा भड़कने के दौरान जल गए घरों से फर्नीचर और बिजली के सामान चुराने के आरोप में 21 अक्टूबर को तीन म्यांमारियों की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, 'यह तब हुआ जब कुछ विशेष संगठन विरोध कर रहे थे.' मोरेह शहर में स्थानीय लोग राज्य पुलिस और कमांडो की तैनाती का विरोध कर रहे थे.'

Advertisement

अब तक 180 से ज्यादा लोगों की मौत

3 मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 180 से अधिक लोगों की अब तक मौत हो चुकी है. मैतेई समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था.

मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं उनकी आबादी 40 प्रतिशत हैं और वो ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement