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मौसम: पहाड़ों पर बर्फबारी, दक्षिणी राज्यों में बारिश, फिर भी उत्तर भारत से दूर क्यों कड़ाके की ठंड? जानिए

दक्षिण राज्य में चक्रवाती तूफान तेजी से आगे बढ़ रहा है और देश के ऊपरी हिस्सों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है. कुछ मैदानी इलाकों में भी बारिश का अलर्ट है. इन सबके बीच दिल्ली से कड़ाके की ठंड नदारद है. आइये जानते हैं, देश में क्यों है इतना अटपटा मौसम.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:18 AM IST

दिसंबर का महीना शुरू हो गया है. दक्षिण राज्य में चक्रवाती तूफान तेजी से आगे बढ़ रहा है और तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तट से टकराने को तैयार है. इससे तेज हवाओं और बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं. वहीं, देश के ऊपरी हिस्सों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है. कुछ मैदानी इलाकों में भी बारिश का अलर्ट है. जैसे- मध्य प्रदेश में तेज बारिश और ओलों की बौछारों से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. राजस्थान में भी बारिश का येलो अलर्ट जारी है. पंजाब और हरियाणा में भी दो दिन पहले बारिश दस्तक दे चुकी है. इन सबके बीच दिल्ली से कड़ाके की ठंड नदारद है.

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इस साल कम पड़ेगी ठंड

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि अगले कुछ महीनों में सर्दियां कम पड़ेंगी यानी न्यूनतम तापमान औसत से ज्यादा रहेगा. IMD के महानिदेशक डॉ. मृत्युजंय महापात्र ने बताया कि इस बार ठंड कम पड़ेगी. यानी इस साल दिसंबर से लेकर अगले साल फरवरी तक देश के अधिकतर हिस्सों में तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है. हालांकि, कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम भी रह सकता है.

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बता दें कि इस साल के अगस्त, सितंबर और नवंबर महीने 1901 के बाद से अब तक के सबसे गर्म रहे हैं. इस साल दिसंबर से अगले साल फरवरी के बीच, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है. बाकी देश में सामान्य से ऊपर रहने की आशंका है. इन्हीं तीन महीनों में देश के उत्तर, उत्तर-पश्चिम, मध्य, पूर्व और उत्तर-पूर्व भागों में शीतलहर सामान्य से कम होने की संभावना है.

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उत्तर भारत से दूर क्यों कड़ाके की ठंड?

इसकी वजह प्रशांत महासागर में भूमध्यरेखा के आस-पास एक मजबूत अल-नीनो है. इससे पूरी दुनिया के मौसम में बदलाव आ रहा है. इसकी वजह से मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर के अधिकांस हिस्सों में समुद्री सतह का तापमान यानी सरफेस टेंपरेचर औसत से ऊपर चल रहा है. पूरी संभावना है कि सर्दियों में इस बार अल-नीनो का असर देखने को मिलेगा यानी तापमान बढ़ा रहेगा. प्रशांत महासागर पर अल-नीनो के अलावा हिंद महासागर और अरब सागर के समुद्री सतह का तापमान भी भारत के मौसम और जलवायु पर असर डालते हैं.

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ठंड कम होने की वजह क्या है?

मौसम विभाग का अनुमान है कि जिस तरह नवंबर बहुत कम सर्दियों में बीत गया, दिसंबर भी कुछ ऐसा ही रहेगा. एक्सपर्ट का कहना है कि उत्तरी हिमालयी क्षेत्र से एक पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है. वहीं, बंगाल की खाड़ी में एक डिप्रेशन क्षेत्र बना है, जो समुद्री तूफान में बदलने वाला है. इन दोनों की तरफ से नमी के साथ आ रही हवाएं मध्य भारत में टकरा रही हैं. इससे 5 दिसंबर तक मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र बारिश का अलर्ट है. इसके बाद दो हफ्ते दक्षिण भारत को छोड़कर बाकी देश में मौसम साफ रहेगा. इस कारण उत्तर, पश्चिम से लेकर पूर्व व मध्य भारत तक के राज्यों में दिन का तापमान 18 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा. यह सामान्य से एक से दो डिग्री ज्यादा है.

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