Advertisement

पंजाब की दो यूनिवर्सिटी में भी नागरिकता कानून का विरोध, दिल्ली पुलिस पर किए सवाल

SFS नेता के मुताबिक ये बर्बरता सवाल उठाती है कि कैसे सरकार विश्वविद्यालयों में राजनीतिक गतिविधियों को दबाना चाहती है. और कैसे पुलिस को विरोध और आलोचना की आवाज घोटने के लिए हथियार बनाया जा चुका है.

पंजाब विश्वविद्यालय में प्रदर्शन (फोटो-आजतक) पंजाब विश्वविद्यालय में प्रदर्शन (फोटो-आजतक)
मनजीत सहगल
  • चंडीगढ़,
  • 17 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 1:04 PM IST

  • पंजाब में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
  • छात्रों ने दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाया

नागरिकता संशोधन कानून पर छात्रों का विरोध पंजाब के दो विश्वविद्यालयों में भी देखा गया. ये विश्वविद्यालय हैं- पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला और पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़. दर्जनों छात्रों ने सड़क पर निकल कर जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एकजुटता जताई और पुलिस कार्रवाई की निंदा की. साथ ही नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का भी विरोध किया.

Advertisement

पंजाब यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स फॉर सोसाइटी (SFS) ने विरोध प्रदर्शन की अगुआई की.  SFS छात्र नेता हरमन ने कहा, ‘ये कदम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है और इससे भारत का धर्मनिरपेक्ष तानाबाना पूरी तरह बाधित होता है.’ हरमन ने नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के पास होकर कानून बनने पर सवाल किया. हरमन ने कहा, ‘क्यों हम देश के नागरिकों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए फासीवादी शासन को सबूत देने की जरूरत है जो खुले तौर पर मुस्लिमों को नागरिकता देने से रोकता है.’

दिल्ली पुलिस का शर्मनाक कृत्य

दिल्ली में जामिया मिलिया के छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई को लेकर SFS नेता ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस का ये शर्मनाक कृत्य मौजूदा पुलिस सिस्टम की नैतिक मौत और क्षरण को दर्शाता है. ये बीजेपी सरकार की अगुआई वाले हिन्दुत्व की खास पहचान को दिखाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक आंसू गैस, लाठी चार्ज और छात्रों पर पथराव किया गया. ये दिखाता है कि हमारा लोकतंत्र क्या बन गया है. बिना अनुमति पुलिस कैम्पस में घुसी, लड़कियों के हॉस्टल तक गई और बदसलूकी की. लड़कियों को वॉशरूम में बंद होकर अपनी सुरक्षा करनी पड़ी.' 

Advertisement

राजनीतिक गतिविधियों को दबाना चाहती है सरकार

SFS नेता के मुताबिक ये बर्बरता सवाल उठाती है कि कैसे सरकार विश्वविद्यालयों में राजनीतिक गतिविधियों को दबाना चाहती है. और कैसे पुलिस को विरोध और आलोचना की आवाज घोटने के लिए हथियार बनाया जा चुका है. हरमन ने कहा, ‘CAA सिर्फ मुस्लिम समुदाय पर ही हमला ही नहीं है बल्कि आगे क्या होगा, उसका खतरा भी देखा जा सकता है. अभी मुस्लिम हैं तो कल वो इस ब्राह्मणवादी विचारधारा को देश के अन्य नागरिकों पर भी थोपेंगे. यही वो वक्त है जब हमें कामगर अल्पसंख्यकों और आम लोगों के साथ एकजुटता दिखानी चाहिए और उनके लिए खड़े होना चाहिए.’

सोमवार को पटियाला में पंजाब यूनिवर्सिटी के कैम्पस में भी छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. इन छात्रों ने दिल्ली पुलिस के उन जवानों पर कार्रवाई की मांग की जिन्होंने छात्रों के ख़िलाफ बर्बरता की.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement