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दयाल सिंह Vs वंदे मातरम्ः मोदी की मंत्री बोलीं- फैसला लेने वाले अपना नाम बदलें

हरसिमरत ने कहा कि जो लोग कॉलेज का नाम बदलना चाहते हैं, वो पहले खुद का नाम बदल लें.

केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 25 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

दिल्ली यूनिवर्सिटी के दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदले जाने को लेकर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. हरसिमरत कौर ने इसे हैरान करने वाली खबर बताया है. साथ ही कहा कि ये बिल्कुल स्वीकार योग्य नहीं है.

इतना ही नहीं हरसिमरत कौर ने इससे आगे बढ़कर नाम बदलने वालों को नसीहत भी दे डाली. हरसिमरत ने कहा कि जो कॉलेज का नाम बदलना चाहते हैं, वो पहले खुद का नाम बदल लें.

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बता दें कि दयाल सिंह कॉलेज का नाम बदलकर वंदे मातरम महाविद्यालय रखने का निर्णय लिया गया है. जिस पर कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष अमिताभ सिन्हा ने कहा है कि यह फैसला भ्रांति दूर करने के लिए लिया गया है.

तमाम संगठनों समेत कांग्रेस के स्टूडेंट विंग ने इसका पुरजोर विराध किया है. जिसके बाद अब मोदी कैबिनेट में अकाली दल कोटे से मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने तंज कसा कि वो अपने धन-दौलत से कुछ बना सकते हैं और उसे जो चाहें नाम दें.

हरसिमरत कौर ने विरासत से जुड़े सवाल भी उठाए. साथ ही ये भी कहा कि पाकिस्तान भी सरदार दीन दयाल सिंह मजीठिया के योगदान की कद्र करता है और उनके नाम पर कॉलेज चलाए जा रहे हैं.

कॉलेज का नाम बदलने के इस कदम को पंजाब के पहले स्वतंत्रता सेनानी सरदार दयाल सिंह मजीठिया की विरासत का अपमान बताया जा रहा है.

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हालांकि, कॉलेज के शासी निकाय का तर्क है कि दयाल सिंह मॉर्निंग और इवनिंग दो कॉलजे हैं. इवनिंग कॉलेज के छात्रों को दोयम दर्जे का समझा जाता है, उन्हें नौकरियों की तलाश में भी कठिनाइयां पेश आती हैं. जिसके चलते कॉलेज का नाम बदलकर उसका शेड्यूल बदला गया है. दयाल सिंह कॉलेज दिल्ली यूनिवर्सिटी का पहला इवनिंग कॉलेज है.

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