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हाईकोर्ट ने सिद्धू को लगाई फटकार, कहा-सार्वजनिक व्यक्ति का एक आचरण होना चाहिए

पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्री पद पर रहते हुए टीवी शो में काम करने को लेकर फाइल की गई PIL पर सुनवाई पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में गुरुवार को शुरू हुई.

नवजोत सिंह सिद्धू नवजोत सिंह सिद्धू
सतेंदर चौहान
  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2017,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्री पद पर रहते हुए टीवी शो में काम करने को लेकर फाइल की गई PIL पर गुरुवार को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई.

हाइकोर्ट ने सरकार और सिद्धू को एक तरह से फटकार लगाते हुए कहा, 'क्या कोर्ट सिर्फ एक्टिंग फॉरमेलिटी है. हम कोड ऑफ कंडक्ट लागू नहीं कर सकते, लेकिन सार्वजनिक आचरण पर बात हो सकती है. सार्वजनिक व्यक्ति का एक आचरण होता है. हालांकि, कोर्ट ने मामले की सुनवाई 2 अगस्त तक के लिए स्थगित करते हुए याचिकाकर्ता को अगली सुनवाई पर नैतिक नहीं, कानूनी तथ्य रखने के निर्देश दिए. इससे लग रहा है कि इस मामले में सिद्धू को कुछ राहत मिल सकती है

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असल में हाइकोर्ट में सरकार का पक्ष रखते हुए एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कहा था, 'कानून में नवजोत सिंह सिद्धू को टीवी में काम करने से रोकने का कोई प्रावधान नहीं. मंत्री सिविल सर्वेंट की तरह सरकारी कर्मचारी नहीं है, बल्कि खास मकसद से नियुक्त किया गया एक मंत्रालय का हेड है. राजकीय कर्मचारी नियम 1966 मंत्रियों पर लागू नहीं होता. सरकार के नियम मंत्रियों के लिये नहीं. कानून में ऐसा कुछ परिभाषित नहीं किया गया. सरकारी अफसर चुनाव नहीं लड़ सकते लेकिन मंत्रियों पर ये नियम लागू नहीं.'

हाइकोर्ट में एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने कहा, 'केंद्र सरकार का कोड ऑफ कंडक्ट स्टेट लागू करने के लिये बाध्य नहीं है और कोर्ट भी ये कोड ऑफ कंडक्ट लागू नहीं कर सकती. सुप्रीम कोर्ट के एनटी रामाराव और करुणानिधि के इसी तरह के मामलों के जजमेंट के मुताबिक कोर्ट मंत्रियों के कंडक्ट को लेकर कुछ भी लागू नहीं कर सकता या निर्देश नहीं दे सकता, क्योंकि कानून में ऐसा कोई अधिकार कोर्ट को नहीं दिया गया.

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इससे पहले इस मामले की पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए पंजाब के एडवोकेट जनरल से पूछा था कि क्या इस तरह से मंत्री पद पर रहते हुए एक प्राइवेट TV चैनल के शो पर पर काम करना एक मंत्री को शोभा देता है और क्या यह कनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट, ऑफिस ऑफ प्रॉफिट और कोड ऑफ कंडक्ट का मामला नहीं बनता है? इसके साथ ही हाईकोर्ट ने प्रोप्राइटरी को लेकर भी सवाल उठाए थे और इस मामले की सुनवाई 11 मई तय कर दी थी.

गौरतलब है कि चंडीगढ़ के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता एच सी अरोड़ा ने नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब के कैबिनेट मंत्री पद पर रहते हुए TV शो में काम करने को लेकर एक जनहित याचिका पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में लगाई है और इसी जनहित याचिका के आधार पर इस पूरे मामले की सुनवाई हो रही है.

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