
पंजाब की नवनियुक्त कांग्रेस सरकार में मंत्री पद पर रहते हुए टीवी शो में काम करने को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू से जुड़ा विवाद अभी थमा भी नहीं है कि अब कांग्रेस सरकार के एक और हाई प्रोफाइल मंत्री राणा गुरजीत को लेकर एक नए विवाद ने जन्म ले लिया है.
दरअसल राणा गुरजीत पंजाब की नामी शुगर और पॉवर कंपनी राणा शुगर्स के मालिक हैं और पिछले लंबे वक्त से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और अब पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनते ही राणा गुरजीत को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला और उन्हें बिजली और सिंचाई जैसे दो महत्वपूर्ण मंत्रालय भी दिए गए. लेकिन, राणा गुरजीत के बिजली मंत्रालय के मंत्री बनने को लेकर अब विवाद पैदा हो गया है.
आम आदमी पार्टी के सीनियर लीडर और विधानसभा में नेता विपक्ष एच एस फुल्का ने आरोप लगाया है कि राणा गुरजीत की कंपनी राणा शुगर्स जो बिजली भी बनाती है. उसने अकाली-बीजेपी सरकार के वक्त पंजाब सरकार की पावर कॉम कंपनी PSPCL के साथ बिजली बेचने को लेकर करार कर रखा है और ऐसे में अब इस कंपनी राणा शुगर्स के सबसे ज्यादा शेयर रखने वाले राणा गुरजीत बिजली मंत्री हैं, तो वो अपने पद पर रहते हुए अपनी कंपनी के हितों को फायदा पहुंचा सकते हैं. इसलिए उनके मंत्रालय का पोर्टफोलियो तुरंत बदल देना चाहिए.
मामले पर एडवोकेट ने चीफ सेक्रेटरी को लिखी चिट्ठी
राणा गुरजीत से जुड़े इस विवाद में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट एच सी अरोड़ा भी कूद पड़े हैं. एच सी अरोड़ा ही नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्री पद पर रहते हुए टीवी शो में काम करने को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगा चुके हैं. अब उन्होंने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी को चिट्ठी लिखकर ये मांग की है कि अगले 10 दिन के अंदर राणा गुरजीत का मंत्रालय बदला जाए, नहीं तो वो इस मामले को लेकर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाएंगे.
एडवोकेट एच सी अरोड़ा के मुताबिक पंजाब सरकार को बिजली बेचकर राणा शुगर्स ने पिछले साल करीब 43 करोड़ का मुनाफा कमाया है और पंजाब सरकार को राणा शुगर्स 5 रुपए 68 पैसे प्रति यूनिट की दर पर बिजली बेचती है.
इस पूरे विवाद को लेकर राणा गुरजीत ने कहा कि वो कोई भी काम चोरी-छिपे नहीं कर रहे हैं और पंजाब की राजनीति में आने से पहले से ही वो अपने बिजनेस से जुड़े हैं. उनकी कंपनी राणा शुगर्स ने करीब 10 साल पहले तमाम सरकारी औपचारिकताएं और मापदंड पूरे करने के बाद बिजली बेचने का कॉन्ट्रेक्ट पंजाब सरकार के साथ किया था.
राणा गुरजीत ने कहा कि अब वो मंत्री बन चुके हैं और ये कॉन्ट्रेक्ट करीब 10 साल पहले पंजाब सरकार के साथ हो चुका है. ऐसे में कॉन्ट्रेक्ट में नई शर्तें जोड़ने या फिर राणा शुगर्स को फायदा पहुंचाने का सवाल ही नहीं उठता.
अकाली दल के प्रवक्ता चरणजीत बराड़ ने कहा कि राणा गुरजीत एक बिजनेसमैन हैं और उनके चीनी और बिजली के बिजनेस के बारे में सब को जानकारी है. ये करार जब अकाली-बीजेपी की सरकार के वक्त किया गया था तो वो राणा गुरजीत से नहीं बल्कि उनकी कंपनी से किया गया था.
पंजाब की कांग्रेस सरकार के लिए नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्री पद पर रहते हुए टीवी शो में काम जारी रखने से जुड़ा विवाद पहले से ही सिरदर्द बना हुआ है और अब एक और सीनियर और हाई प्रोफाइल मंत्री से जुड़े इस विवाद के सामने आने से कैप्टन सरकार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.