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केजरीवाल के लालची कहने पर खैरा का पलटवार- वे खुद सत्ता और पद के भूखे

आम आदमी पार्टी (आप) के बागी नेता सुखपाल सिंह खेहरा ने सोमवार को आप सुप्रीमों पर सत्ता और पद के लालची होने का आरोप लगाया. सीएम केजरीवाल ने इससे पहले नाम लिए बगैर कहा था कि जो नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, लेकिन उससे पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.

सुखपाल खैहरा(फाइल फोटो) सुखपाल खैहरा(फाइल फोटो)
राहुल झारिया/मनजीत सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 08 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 1:06 AM IST

आम आदमी पार्टी(आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को चंडीगढ़ में कहा कि सत्ता और पद का लालच रखने वाले कुछ नेता पार्टी छोड़ रहे हैं, लेकिन उससे पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा बल्कि उनकी पार्टी और मजबूत होगी. उधर अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए पंजाब के पूर्व नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि केजरीवाल खुद सत्ता और पद के भूखे हैं इसलिए मुख्यमंत्री और पार्टी के कन्वीनर के पदों पर कुंडली मारकर बैठे हैं.

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बता दें कि खैरा ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. वे एचएस फुल्का के बाद आम आदमी पार्टी के दूसरे बड़े नेता हैं. जिन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया है.

सोमवार को सीएम केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने और देश की राजनीति बदलने के लिए तत्पर है. आम आदमी पार्टी देश का को भ्रष्टाचार मुक्त करना चाहती है और देश की राजनीति बदलने के लिए बैठी है. न केवल पूरा देश, बल्कि पूरा विश्व आम आदमी पार्टी की बात कर रहा है.

आप सुप्रीमो ने कहा कि आम आदमी पार्टी चंद लोगों की सत्ता की इच्छा पूरी करने के लिए नहीं बनी है. जिन लोगों को पद और सत्ता का लालच है, वे पार्टी छोड़ दें. सत्ता के लालची लोगों के जाने से पार्टी और मजबूत होगी.

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उधर अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए पंजाब के पूर्व नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि केजरीवाल ने पार्टी के संविधान को छींके पर टांग दिया है. वह 6 साल से पार्टी के कन्वीनर पद पर जमे हैं और साथ में बिना किसी विभाग के दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कुंडली मारकर बैठे हैं ताकि पद की  मिलने वाली सुख-सुविधाओं का फायदा उठा सकें.

खैहरा ने प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर, आशुतोष, डॉ. धर्मवीर गांधी, गुरप्रीत घुग्गी, सुच्चा सिंह छोटेपुर, आशीष खेतान, कुमार विश्वास और एचएस फुल्का का नाम लेते हुए केजरीवाल से पूछा कि क्या इन सबको भी सत्ता और पद का लालच था.

खैहरा ने आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान से पूछा कि उनको जनता को बताना चाहिए क्या वे अरविंद केजरीवाल द्वारा बिक्रम मजीठिया से मांगी गई माफी का समर्थन करते हैं या मुखालफत?

गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में घमासान मचा हुआ है और पार्टी के कई नेता एक-एक करके पार्टी को अलविदा कह चुके हैं. मार्च 2018 के दौरान अरविंद केजरीवाल ने अकाली दल के नेता विक्रम मजीठिया से माफी मांगते हुए उन पर लगाए सभी आरोप वापस ले लिए थे.

सुखपाल खैरा अरविंद केजरीवाल की माफी के मुद्दे पर उनका विरोध करने वाले पहले नेता थे और वह अरविंद केजरीवाल से जवाब मांगते रहे. सुखपाल खैहरा अपने बड़बोलेपन की वजह से अरविंद केजरीवाल के निशाने पर आ गए और कुछ समय बाद उनको पार्टी के पंजाब के नेता विपक्ष के पद से हटा दिया गया.

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नेता विपक्ष के पद से हटाए जाने के बाद सुखपाल खैहरा लगातार हमलावर होते गए. जिसके कारण उनपर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा और उनको पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया.

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