
पंजाब में आम आदमी पार्टी का घमासान अभी थमा नहीं है. तीन दिन पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता एच एस फुलका के इस्तीफे के बाद नाराज चल रहे विधायक और पूर्व पंजाब विधानसभा के नेता विपक्ष सुखपाल खैहरा ने AAP की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. पार्टी से निकाले जाने के बाद खैरा ने यह कदम उठाया है.
माना जा रहा है कि सुखपाल खैरा आने वाले दिनों में अपनी एक अलग राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. हालांकि पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से AAP ने पहले ही उन्हें पार्टी से निष्कासित कर रखा है. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि खैरा अपनी कुछ अलग तैयारी के साथ पंजाब में नई राजनीति की शुरुआत करेंगे.
खैरा के इस्तीफे पर AAP के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि सुखपाल खैरा या कोई और, जिसे जितने दिन देश के लिए काम करना है वो आम आदमी पार्टी में रहे और अगर अपने पद या ईगो के लिए काम करना है वो कही भी जाए हमें क्या फर्क पड़ता है.
पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते पिछले साल नवंबर में पार्टी से निलंबित किए गए खैरा ने अपना त्यागपत्र आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेज दिया है. बोलाथ से विधायक ने अपने त्यागपत्र में कहा, देश की पांरपरिक पार्टियों का राजनीतिक कल्चर बुरी तरह बिगड़ चुका है जिसके चलते आप बनने से बहुत उम्मीदें जगीं थीं. खैरा ने कहा, दुर्भाग्य से पार्टी में शामिल होने के बाद मैंने महसूस किया कि आप भी अन्य राजनीतिक पार्टियों से अलग नहीं है.
पिछले साल जुलाई में पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाए जाने के बाद से वह आप नेतृत्व के मुखर आलोचक रहे हैं. पद से हटाए जाने के बाद खैरा ने सात समर्थकों के साथ बागियों का एक समूह बनाया जिसने पार्टी की पंजाब इकाई के लिए फैसले लेने की आजादी मांगी.
खैरा से पहले वरिष्ठ वकील और आम आदमी पार्टी के नेता एच एस फुलका ने गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. फुलका ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी है. इस साल लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की संभावना को लेकर चल रही अटकलों के बीच यह कदम सामने आया है.
फुलका ने एक ट्वीट कर कहा ‘मैंने आप से इस्तीफा दे दिया और केजरीवाल जी को इस्तीफा सौंप दिया. हालांकि उन्होंने मुझे इस्तीफा ना देने के लिए कहा लेकिन मैं इस पर कायम रहा.’
पंजाब में आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी दल है लेकिन 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद निर्वाचित हुए 20 प्रत्याशियों में से आठ ने पिछले साल सुखपाल सिंह खैरा के नेतृत्व में एक बागी समूह बना लिया था. फूलका ने पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद से भी इस्तीफा दे दिया था ताकि वह अदालतों में 1984 के सिख रोधी दंगों के पीड़ितों की नुमाइंदगी कर सकें. सूत्रों ने दावा किया कि फुलका किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल हो सकते हैं लेकिन उन्होंने अभी पुष्टि नहीं की.