
चंडीगढ़ प्रशासन ने लड़कियों को मिनी स्कर्ट में पब या डिस्कोथेक में जाने से रोकने की खबरों पर सफाई दी है. गृह सचिव ने मंगलवार को कहा कि 'कंट्रोलिंग ऑफ प्लेसेस ऑफ पब्लिक एम्यूजमेंट, 2016' पॉलिसी को ढंग से पढ़े बिना खबर फैला दी गई. हम किसी तरह की मोरल पुलिसिंग करने नहीं जा रहे हैं.
पॉलिसी है, एक्ट या कानून नहीं
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में स्कर्ट पर पाबंदी लगाए जाने की कोई बात नहीं हुई है. हाई कोर्ट के निर्देशों के आधार पर नई पॉलिसी का ड्राफ्ट पुलिस के डीसी और एसएसपी के साथ दो अन्य अधिकारियों ने मिलकर बनाया है. यह पालिसी है कोई एक्ट या कानून नहीं है. इसके तहत हमारा इरादा किसी को गैरजरूरी तरीके से सजा देना भी नहीं है.
नई पॉलिसी में कहीं स्कर्ट की चर्चा नहीं
गृह सचिव ने कहा कि हमने गैरकानूनी हरकतों पर लगाम लगाने और कानून के पालन के लिए पॉलिसी बनाई है. इसमें कोई ड्रेस कोड शामिल नहीं किया गया है. हम शहर की नाइट लाइफ के भी खिलाफ नहीं हैं. मीडिया इसे नकारात्मक तरीके से ना ले. ऐसी कोई बात नहीं कही गई है जिससे महिलाओं के स्कर्ट पहनने पर रोक की बात हो.
पब और बार की टाइमिंग घटाई
उन्होंने कहा कि अश्लीलता को रोकने के लिए हमने मौजूदा कानून का ही सहारा लिया है. पॉलिसी के तहत पब और रेस्टोरेंट मालिकों को पोस्टर और विज्ञापन में महिलाओं की छवि बिगाड़ने पर रोक लगाने की बात है. इसके तहत सार्वजनिक जगहों पर आने वालों को सही वातावरण मुहैया कराने की बात कही गई है.
क्या कहती है नई पॉलिसी
चंडीगढ़ प्रशासन ने सार्वजनिक मनोरंजन 2016 के नियम का हवाला देकर बार के समय में दो घंटे की कटौती की है. अब पब और बार रात दो बजे की बजाए रात 12 बजे तक ही खोलने की इजाजत दी गई है. बार और डिस्कोथेक चलाने के संबंध में बनाई गई नीति में कहा गया है कि कम कपड़े पहने महिलाओं के विज्ञापन लगाने और अभद्रता और विद्रोहात्मक या राजनीतिक असंतोष उत्तेजित करने की संभावना है. तो ऐसे मामले सामने आने की स्थिति में इजाजत से इनकार किया जा सकता है.