
लखनऊ का मश्हूर इमामबाड़ा और भूलभुलैया जो शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद के विरोध प्रदर्शन के चलते पिछले एक महीने से बंद थे, आखिरकार हाई कोर्ट के आदेश के बाद पर्यटकों के लिए खोल दिए गए. मगर तालाबंदी खत्म होने के बाद ट्रस्ट की ओर से रविवार को यहां महिलाओं के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया.
धर्मगुरु के आदेशों के मुताबिक टूरिस्टों को बिना सिर ढके जाने की इजाजत नहीं मिलेगी. इसके अलावा मिनी स्कर्ट पहनकर भी परिसर में जाने की अनुमति नहीं है.
ये हमारा इमामबाड़ा है, टूरिस्ट प्लेस नहीं: मौलाना
मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा, 'जब मंदिर, गुरुद्वारों और चर्च में ड्रेस कोड लागू होता है तो फिर इमामबाड़े जैसे धार्मिक स्थलों पर क्यों नहीं?' उन्होंने कहा, 'ये हमारा
इमामबाड़ा है. धार्मिक जगह है. टूरिस्ट प्लेस नहीं है. टूरिस्ट प्लेस तो इसे बना दिया गया है.' मौलाना ने कहा कि कानून के मुताबिक यह धार्मिक जगह है और इसके
नियम हैं धार्मिक लोग ही बनाएंगे.
पर्यटकों को लिए स्कार्फ और लंबे पोशाक का बंदोबस्त
मौलाना के आदेश के बाद हुसैनाबाद ट्रस्ट की ओर से इमामबाड़े की गेट पर बाकायदा सिर ढकने के लिए स्कार्फ का इंतजाम किया गया है. इसके लिए इमामबाड़े की गेट
पर कुछ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो आने वाली लड़कियों और महिलाओं को टोककर उन्हें नंगे सिर अंदर जाने से रोकते हैं. जिन महिलाओं के पास सिर ढंकने
के लिये चुन्नी या स्कार्फ नहीं है उनके लिए ट्रस्ट ने मुफ्त स्कार्फ का इंतजाम किया है. यह स्कार्फ इमामबाड़े में दाखिल होते वक्त महिलाओं को दिया जाता है और
निकलते वक्त वापस ले लिया जाता है.
मिनी स्कर्ट पहनकर आने वाली लड़कियों और महिलाओं के लिए पोशाक का इंतजाम भी किया जा रहा है. परिसर में दाखिल होने से पहले महिलाओं को अपने कपड़ों को ऊपर इस पोशाक को एप्रन की तरह पहनकर अपनी टांगों को ढंकना पड़ेगा.
ड्रेस कोड से पर्यटकों को आपत्ति नहीं
अभी तक जो टूरिस्ट इमामबाड़े और भूलभुलैया में बिना किसी रोक-टोक जाते थे, उन्हें इस नियम से हैरानी है. हालांकि इससे उन्हें कोई परेशानी नहीं है. पर्यटक लक्ष्मी
उपाध्याय ने कहा, 'इस नियम में कोई बुराई नहीं है. कोई गुरुद्वारे में जाता है तो पैर धोकर जाता है. वैसे ही मंदिर में जाता है तो जूते चप्पल उतार कर जाता है. हम
भारतीय हैं. सब धर्म और संप्रदाय के लोगों को साथ लेकर चलते हैं.'
गौरतलब है कि प्रेमी जोड़ों की अशोभनीय हरकतों, परिसर में मादक पदार्थों के सेवन के खिलाफ और शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन को हटाने की मांग को लेकर मौलाना के समर्थकों ने इमामबाड़े में ताला जड़ दिया था.