
पंजाब में स्मार्टफोन बांटने के एक बड़े चुनावी वादे के संबंध में सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि पंजाब सरकार ने पहले ही एक भारतीय मोबाइल कंपनी को ऑर्डर दिया हुआ है. उस कंपनी ने हमें ये बताया है कि 50 हजार मोबाइल तैयार हैं और बाकी की सप्लाई जुलाई में की जाएगी.
कैप्टन ने कहा कि चाहे वह एक भारतीय मोबाइल कंपनी ही क्यों न हो लेकिन अंतिम फैसला इस कंपनी में चीन की हिस्सेदारी जांचने के बाद ही लिया जाएगा. अगर चीन से इस कंपनी का संबंध पाया गया तो इन मोबाइल का ऑर्डर रद्द किया जा सकता है. मतलब साफ है कि युवाओं को स्मार्टफोन मिलने में अभी और भी वक्त लग सकता है.
पंजाब में मुफ्त स्मार्टफोन की स्कीम पर कोरोना वायरस की नजर
इस पूरे मामले पर अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि ये सिर्फ पंजाब सरकार के बहाने हैं. लॉकडाउन के दौरान जब पंजाब के छात्रों को स्मार्टफोन की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब तो सरकार ने मोबाइल दिए नहीं और अब चाइना के बहिष्कार का बहाना किया जा रहा है.
मजीठिया ने कहा कि अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह को चाइना से इतनी ही दिक्कत है तो केंद्र को नसीहत देने से पहले वो खुद कोविड सीएम केयर फंड में दो चाइनीज कंपनियों की ओर से दिए गए लाखों के चंदे को वापस लौटाएं. युवाओं को मोबाइल फोन देने के लिए चाइना के बहिष्कार के खोखले दावे ना करें.
कब किया था स्मार्टफोन देने का वादा?
2017 विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कई लोक लुभावने वादे किए थे. इन वादों में युवाओं को स्मार्टफोन दिए जाने का वादा भी एक था. इसी वजह से युवाओं का काफी अच्छा रिस्पांस भी कांग्रेस को मिला था . लेकिन सरकार बने 3 साल से ज्यादा का वक्त हो चुका है. अब तक ये वादा कांग्रेस सरकार की और से पूरा नहीं किया गया है.