
नशे की समस्या से जूझ रहे पंजाब को निजात दिलाने की दिशा में एक कदम आर बढ़ते हुए अमरिंदर सिंह सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों का डोप टेस्ट अनिवार्य कर दिया है. डोप टेस्ट की इस प्रक्रिया से पुलिस को भी गुजरना होगा.
इस बाबत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के मुख्य सचिव को अधिसूचना जारी करने व डोप टेस्ट कब और कैसे होगा इसका प्रारूप तय करने का आदेश दिया है.
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार ये डोप टेस्ट भर्ती के समय के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों के सेवाकाल के विभिन्न चरणों मसलन पदोन्नती के दौरान भी होगा.
बता दें कि पंजाब में 3.5 लाख सरकारी कर्मचारी हैं वहीं पंजाब पुलिस में कांस्टेबल व सब इंस्पेटर की भर्ती के दौरान डोप टेस्ट पहले से ही अनिवार्य है. पुलिस भर्ती में डोप टेस्ट ये पता लगाने के लिए होता है कि कहीं भर्ती होने वाला कर्मचारी- मॉर्फीन, एम्फेटामाइन, गांजा व अन्य प्रतिबंधित नशीली दवाओं के सेवन का आदी तो नहीं.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता मे कैबिनेट की बैठक में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्स्टेंस (एनडीपीएस) कानून , 1985 मे संशोधन के जरिए ड्रग की तस्करी करने के लिए मौत की सजा के प्रवधान की सिफारिश करने का फैसला लिया गया था. जिसकी जिसकी जानकारी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कर दी.