
राजस्थान में भड़की जाट आरक्षण आंदोलन की आग थम गई है. भरतपुर में सरकार के प्रतिनिधियों और जाट नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद आंदोलन वापस ले लिया गया. सरकार ने जाट समुदाय के लोगों की सारी बातें मान ली. इसके बाद जाट नेताओं ने आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर दिया.
बजट सत्र में बनेगा ओबीसी आयोग
राजस्थान सरकार में सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने आंदोलन के मसले पर जाट नेता और कांग्रेस विधायक विश्वेंद्र सिंह के साथ बातचीत की. सरकार की ओर से भरोसा दिलाया गया है कि विधानसभा सत्र से पहले ओबीसी आयोग का गठन कर दिया जाएगा. चतुर्वेदी ने कहा कि भरतपुर-धौलपुर के जाटों को ओबीसी में आरक्षण के लिए राज्य सरकार विधेयक भी लाएगी. राजस्थान में 29 फरवरी से बजट सत्र शुरू होने वाला है.
जल्द सुलझेंगे आंदोलन के दौरान हुए केस
दोनों नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर भरतपुर में दो दिनों से जारी आंदोलन वापस हो जाने की सूचना दी. बयान में कहा गया है कि भरोसा बन गया है और आंदोलन सही दिशा में खत्म हो रहा है. मंत्री ने कहा कि आंदोलन के दौरान जाट नेताओं पर दर्ज हुए मामलों को भी जल्दी सुलझाने की कोशिश की जाएगी. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांसें ली.
मंगलवार को हिंसक हुआ था आंदोलन
राजस्थान में जाटों को पहले से ही सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण मिला हुआ है. भरतपुर और धौलपुर में राज परिवारों से जुड़े होने की वजह से वह इन आरक्षण का लाभ भी नहीं उठा पाते. इसके पहले भरतपुर के हेलक रेलवे स्टेशन में मंगलवार को जाट आंदोलनकारियों ने एक मालगाड़ी को आग लगा दी थी. इसके बाद प्रदेश में सोशल मीडिया और इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी गई थी.