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माउंटआबू के जंगलों में लगी आग, राहत-बचाव में उतरी सेना

राजस्थान में माउंट आबू के जंगलों में लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. बताया जा रहा है कि यह आग जंगल में करीब 16 स्थानों पर लगी है. पुलिस, सेना, सीआरपीएफ और वायुसेना के जवानों की मदद से स्थानीय प्रशासन आग पर काबू पाने की कोशिशें कर रहा है.

जंगल में लगी आग बुझाने में लगे हेलिकॉप्टर जंगल में लगी आग बुझाने में लगे हेलिकॉप्टर
शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 15 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 12:14 AM IST

राजस्थान में माउंट आबू के जंगलों में लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. बताया जा रहा है कि यह आग जंगल में करीब 16 स्थानों पर लगी है. पुलिस, सेना, सीआरपीएफ और वायुसेना के जवानों की मदद से स्थानीय प्रशासन आग पर काबू पाने की कोशिशें कर रहा है. आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पहली बार यहां आग बुझाने के लिए हेलिकॉप्टर का स्तेमाल किया जा रहा है.

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गर्मी की शुरुआत के साथ ही माउंट आबू के जंगल असुरक्षित हो जाते है. जंगल में आए दिन आग लगने की खबरें आती रहती है. अभी तक वन विभाग आग पर काबू पाने के लिए स्थनीय लोगों की मदद लेता रहा है, लेकिन इस बार जंगल की ये आग लगातार फैलती जा रही है. इस सीजन में बीते कई दिनों से आग लगने का सिलसिला लगातार जारी है.

24 घंटे में 16 जगह लगी आग
बीते 24 घंटों में आबू समेत आसपास के जंगलों में 16 अलग-अलग जगहों पर आग लगने की सूचनाएं मिली हैं. जंगली इलाकों में फ़ैल रही आग को काबू करने के लिए दोपहर से ही हेलिकॉप्टर को लगाया गया है. दरअसल, यह पूरा इलाका इतना दुर्गम है कि इसमें आम तरीके से आग पर काबू पाना संभव नहीं है. इस वजह से यहां जंगलों में भड़के दावानल को बुझाने के लिए पहली बार हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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नक्की झील में नौकायन बंद, पर्यटकों की आवाजाही रोकी
हेलिकॉप्टर के नक्की झील से पानी भरने के कारण नक्की में नौकायन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. आग वाले इलाके खासतौर पर हनीमून प्वाइंट और सनसेट प्वाइंट के बीच के जंगलों में लगी आग की वजह से पर्यटकों को वहां जाने से रोक दिया गया है. अब तक हेलिकॉप्टर करीब 14 बार नक्की झील से पानी लेकर आग पर छिड़काव कर चुका है. एक बार में हेलिकॉप्टर की बकेट से करीब तीन हज़ार लीटर पानी आता है.

आग लगने के कारणों का पता नहीं
अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं लगा है, लेकिन स्थानीय उपखंड अधिकारी सुरेश कुमार ओला का कहना है कि तेज़ गर्मी या फिर छोटे मोटे शिकारियों की हरकत से आग लगने की आशंका है. उनका कहना है की आग लगने के कारणों की जांच करेंगे और पता लगाएंगे. ओला ने बताया कि फ़िलहाल स्थानीय प्रशासनिक अमला, वन विभाग, पुलिस, आर्मी, सीआरपीफ और वायुसेना के जवानों ने आग लगने वाले स्थानों पर पहुंचकर आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.

वन्य जीवों को खतरा
माउंट आबू के जंगलों में आग लगने से वहां के जीवजंतुओं और वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचने का खतरा है. यह क्षेत्र वन संपदा और वन्यजीवों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है. जिस तरह यह आग फैल रही है, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अगर वक्त रहते इस पर काबू नहीं पाया गया, तो वन संपदा को काफी नुकसान हो सकता है.

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