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5वीं बार गुर्जर आरक्षण पर रोक, जानें कहां अटक रही है बात

पांचवी बार राजस्थान में गुर्जर आरक्षण पर रोक. नए आरक्षण बिल में भी आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से ज्यादा थी. पढ़ें पूरी खबर...

प्रतिकात्मक तस्वीर प्रतिकात्मक तस्वीर
शरत कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

राजस्थान हाईकोर्ट ने गुर्जरों को 5 फीसदी आरक्षण देने वाला राजस्थान विधानसभा से पास नए आरक्षण संसोधन बिल को रोक दिया है. हाईकोर्ट के जस्ट‍िस के.एस झावेरी के खंडपीठ ने इस आरक्षण बिल पर सुनवाई करते हुए कहा कि नेता अपने राजनीतिक फायदे के लिए देश को बांट रहे हैं और इसीलिए इस तरह के बिल लेकर आ रहे हैं. ये पांचवीं बार है, जब राजस्थान सरकार ने गुर्जरों के आरक्षण देने के लिए आरक्षण की कुल सीमा 50 फीसदी के ऊपर आरक्षण दिया था और पांचवीं बार गुर्जर आरक्षण को राजस्थान हाईकोर्ट ने आरक्षण की कुल सीमा 50 फीसदी से जाने पर रोक लगाई है.

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गंगा सहाय शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी कि सुप्रीम कोर्ट आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से उपर करने पर रोक लगाई है मगर बिना सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के राजस्थान सरकार ने बिल पास कर दिया है . अगर उसे तुरंत नही रोका गया तो इसे लागू पर कर दिया जाएगा. गंगा सहाय शर्मा की तरफ से कोर्ट में पेश अधिवक्ता जीपी शर्मा ने कहा कि ओबीसी आरक्षण की सीमा 21 फीसदी से 26 फीसदी करते हीं राज्य में कुल आरक्षण 54 फीसदी हो जाता है जिसे हाईकोर्ट ने पिछली बार हीं गलत माना था. फिर भी राजस्थान सरकाार गुर्जरों को खुश करने के लिए नया बिल विधानसभा में पेश किया था जिसके अमल पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने रोक लगाई है.

राजस्थान सरकार की तरफ समाज कल्याण मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही है. हम उच्च न्यालय के फैसले का सम्मान करते हुए उचित फैसला लेंगें.

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